विदेश दौरे से लौटते ही रीवा पहुंचे सीएम मोहन यादव, ससुर को अर्पित की श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने आधिकारिक विदेश दौरे से लौटने के बाद रविवार को सीधे रीवा पहुंचे। रीवा स्थित अपने ससुराल संजय नगर में उन्होंने स्वर्गीय ससुर ब्रह्मानंद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने भावुक होकर कहा कि “एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में ब्रह्मानंद जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।”

सीएम यादव स्पेन से नई दिल्ली लौटे थे, लेकिन बिना रुके उन्होंने सीधे रीवा का रुख किया। उन्होंने रीवा पहुंचकर अपने स्वर्गीय ससुर की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और उनके चरणों में श्रद्धांजलि दी। साथ ही दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी उन्होंने भावपूर्ण पोस्ट साझा कर स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव को नमन किया।

अंतिम संस्कार में विदेश दौरे के कारण शामिल नहीं हो सके 

डॉ. मोहन यादव 13 जुलाई को दुबई के लिए रवाना हुए थे, और वहीं से स्पेन के आधिकारिक दौरे पर भी चले गए थे। इसी बीच, मंगलवार रात उनके ससुर ब्रह्मानंद यादव का निधन हो गया था। विदेशी धरती पर होने और व्यस्त कार्यक्रमों के चलते वे अंतिम संस्कार में शरीक नहीं हो सके। हालांकि, उनके दोनों बेटे रीवा पहुंचे थे और नाना के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

एक्स हैंडल पर दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

रीवा पहुंचने के बाद सीएम मोहन यादव ने अपने एक्स हैंडल पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “आज रीवा में ससुराल पहुंचकर पूज्य ससुर स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादवजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। एक शिक्षक के साथ-साथ उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी पूर्ण निष्ठा से देश और समाज की अनुपम सेवा की। उनका सम्पूर्ण जीवन हम सभी के लिए सदा प्रेरणास्रोत रहेगा। उनके चरणों में कोटिशः नमन।”

रीवा से था गहरा जुड़ाव

स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव, जो कि एक रिटायर्ड शासकीय शिक्षक थे, ने अपने जीवन के 50 वर्ष से अधिक रीवा में बिताए। मूल रूप से सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी होने के बावजूद उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा रीवा में ही अंतिम संस्कार की जताई थी, जो उनके परिवार ने पूरी की। रीवा से उनका आत्मीय लगाव उनके पूरे जीवन में झलकता रहा।

प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी जताया शोक

मुख्यमंत्री के दौरे से पहले जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल भी रीवा पहुंचे और स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव के निवास पर जाकर शोक संवेदना अर्पित की। उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

संघर्षपूर्ण रहा जीवन

स्वर्गीय ब्रह्मानंद यादव (उर्फ ब्रह्मादीन यादव) जीवनभर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे। विद्यार्थी जीवन में आंदोलनों के दौरान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए वे मुंबई चले गए, जहां उन्होंने पढ़ाई की। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अपना नाम ब्रह्मानंद से बदलकर ब्रह्मादीन रख लिया। पढ़ाई के बाद वे मध्यप्रदेश के रीवा में नौकरी करने पहुंचे और एक राजकीय स्कूल में शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए। वर्ष 1987 में प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुए।