मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं और सोमवार को इंग्लैंड में अपने दौरे के पहले दिन उन्होंने ब्रिटिश सांसदों के साथ एक दोपहर भोज में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “ब्रिटिश संसद में आज मेरी यात्रा ने एक बार फिर याद दिलाया कि हमारी लोकतांत्रिक परंपरा कितनी समृद्ध है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों का हवाला देते हुए कहा, “यह साझेदारी इतिहास से भी जुड़ी है और भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।” डॉ. यादव ने इस यात्रा को भारत और ब्रिटेन के बीच पुराने संबंधों को मजबूत करने और भविष्य में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के संबंध अब “लिविंग-ब्रिज” (जीवित पुल) बन गए हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत और लगातार विकसित होने वाले संबंधों को दर्शाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विजन पर जोर देते हुए बताया कि भारत-ब्रिटेन की साझेदारी अब टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, और नॉलेज-पार्टनरशिप पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश सांसदों को बताया कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दोहरे अंक में बढ़ रही है, जो राज्य के आर्थिक विकास और समृद्धि का प्रतीक है।
डॉ. यादव ने इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीकी और शैक्षिक सहयोग बढ़ाने के लिए भविष्य के अवसरों पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान भारतीय उच्चायोग, लंदन के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद, मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने औद्योगिकीकरण, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर संभावनाओं का अध्ययन किया है। उनका मानना है कि देश और दुनिया के विभिन्न सेक्टर के निवेशकों को मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कई देशों के निवेशक प्रदेश में निवेश करने के लिए तैयार हैं और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नई तकनीकी और विभिन्न सेक्टर में निवेश का लाभ किस तरह से प्रदेश को मिल सकता है, इस पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जा रही है, ताकि निवेशकों को बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा सके।
सीएम ने प्रदेश की औद्योगिक विकास, तकनीकी सहयोग, और वैश्विक निवेश को लेकर योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा ब्रिटेन से शुरू करने पर खुशी जताते हुए भारतीय उच्चायोग के सहयोग की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी यात्रा के दौरान कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्युटिकल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों में मध्य प्रदेश की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने ब्रिटेन के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल विकास, और अनुसंधान के क्षेत्र में साझेदारी के अवसरों की बात की, ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत किया जा सके।
बैठक में भारतीय उच्चायुक्त दोराईस्वामी, उप उच्चायुक्त सुजीत घोष, मंत्री (आर्थिक) निधि मणि त्रिपाठी, और प्रथम सचिव (व्यापार) जसप्रीत सिंह सुक्खीजा भी उपस्थित थे। इस बैठक के दौरान मध्य प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और साझेदारी को लेकर कई महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किए गए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की विकास योजनाओं को विस्तार से साझा किया और ब्रिटेन से तकनीकी और निवेश सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है कि वह इस महत्वपूर्ण विदेश यात्रा की शुरुआत इंग्लैंड से कर रहे हैं। उन्होंने फरवरी 2025 में भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए भारतीय उच्चायोग से विशेष सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्तर से आगे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को प्रदेश के विकास से जोड़ने का प्रयास कर रहा है, और इसकी शुरुआत लंदन से हो रही है। यह यात्रा प्रदेश की वैश्विक पहचान को बढ़ाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ब्रिटिश संसद परिसर का भ्रमण किया और वहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनकी पत्नी सीमा यादव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डा. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है कि वह आज ब्रिटेन में हैं और यहां से जर्मनी जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि समय मिला तो वह अन्य देशों में भी जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वे लगातार प्रयास कर रहे हैं, ताकि राज्य की वैश्विक पहचान और विकास को नई दिशा मिल सके।