मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रत्येक विधानसभा में हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। सरकार की योजना है कि हर 150 किलोमीटर की दूरी पर एक हवाई पट्टी और हर 150 किलोमीटर के दायरे में एक एयरपोर्ट भी मौजूद हो। इस कदम से न केवल बड़े शहर बल्कि छोटे कस्बे, ग्रामीण और दूरस्थ इलाके भी हवाई संपर्क से जुड़ जाएंगे।
ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों तक पहुंचेगी हवाई सेवा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नई व्यवस्था के बाद प्रदेश के वे इलाके भी सीधे हवाई नेटवर्क से जुड़ सकेंगे जहां आज तक ऐसी सुविधाएं नहीं थीं। इससे आम नागरिकों, व्यापारियों, उद्योगपतियों और छात्रों को ही नहीं बल्कि पर्यटन स्थलों और धार्मिक धामों को भी नई उड़ान मिलेगी। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक हवाई कनेक्टिविटी होने से प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में तेजी आएगी।
2024 में भी की थी ऐसी घोषणा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नवंबर 2024 में भी इस तरह की घोषणा की थी। उस समय उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश में हर 200 किलोमीटर पर एक एयरपोर्ट और हर 150 किलोमीटर पर एक हवाई पट्टी विकसित की जाएगी। ये सभी एयरपोर्ट पीपीपी मॉडल पर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। सरकार का मानना है कि हवाई पट्टियों के विकसित होने से न केवल यातायात व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि पर्यटन और उद्योगों की संभावनाएं भी काफी हद तक बढ़ जाएंगी।
नई विमानन नीति से बढ़ेगा निवेश
सीएम ने बताया कि राज्य सरकार एक नई विमानन नीति (Aviation Policy) तैयार कर रही है। इसके तहत हवाई सेवाओं का विस्तार किया जाएगा और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार चाहती है कि हवाई संपर्क सुगम हो ताकि निवेशकों और पर्यटकों को आने-जाने में किसी तरह की परेशानी न हो। यही वजह है कि हर 75 से 150 किलोमीटर की दूरी पर हवाई पट्टियों और एयरपोर्ट्स का जाल बिछाने की योजना तैयार की जा रही है।
पर्यटन और उद्योगों को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
हवाई कनेक्टिविटी बढ़ने का सीधा फायदा पर्यटन और उद्योग दोनों को मिलेगा। मध्यप्रदेश ऐतिहासिक धरोहरों, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध है। लेकिन कई जगहें सड़क मार्ग से बहुत दूर और कठिन पहुंच वाली हैं। एयर नेटवर्क तैयार होने के बाद पर्यटकों को आसानी से प्रदेश के हर कोने तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। साथ ही, उद्योगपतियों और व्यापारिक गतिविधियों को भी उड़ान मिलेगी। सीएम के अनुसार, यह योजना मध्यप्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल करेगी।