मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुए दर्दनाक कुएं हादसे ने पूरे प्रदेश को गमगीन कर दिया। रविवार को एक ईको वैन बाइक से टकराने के बाद खुले कुएं में जा गिरी, जिसमें 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो बच्चों समेत चार लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के दौरान मंदसौर के मनोहर सिंह ने साहस का परिचय देते हुए चार लोगों की जान बचाई, लेकिन खुद अपनी जान गंवा बैठे। उनकी वीरता को सम्मानित करते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने मनोहर सिंह को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार देने और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
बता दें कि मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र स्थित काचरिया चौपाटी के पास रविवार को एक वैन बिना मुंडेर वाले गहरे कुएं में जा गिरी। मंदिर दर्शन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं से भरी वैन एक बाइक से टकराने के बाद बेकाबू होकर कुएं में गिर गई थी। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। इसी दौरान मंदसौर के मनोहर सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना कुएं में उतरकर दो बच्चों समेत चार घायलों को बाहर निकाला, लेकिन इस प्रयास में वे कुएं में मौजूद जहरीली गैस की चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई। हादसा इतना भीषण था कि वैन में सवार 14 में से 10 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि टकराने वाले बाइक सवार की भी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर के बहादुर मनोहर सिंह के बलिदान को सलाम करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम ने मनोहर सिंह के अद्भुत साहस और बलिदान को सम्मान देते हुए मरणोपरांत उन्हें वीरता पुरस्कार देने की घोषणा की है। इसके साथ ही उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री ने हादसे में मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की है।
बता दें कि मनोहर सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था, लेकिन अंततः वे खुद इस हादसे में जान गंवा बैठे। उनकी इस बहादुरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मानवता की मिसाल बताया है। सीएम ने कहा कि मनोहर सिंह ने यह साबित किया है कि आज भी मानवता जिंदा है। उनकी बहादुरी से दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी, जो मानवता की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से पीछे नहीं हटते। मध्य प्रदेश सरकार ऐसे सभी वीरों को नतमस्तक होकर प्रणाम करती है और इस तरह की बहादुरी एवं वीरता को सम्मानित करने की आवश्यकता पर बल देती है।
इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने भी मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 1 लाख रुपए और सामान्य घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। हादसे के बाद सोमवार को प्रशासन ने काचरिया चौपाटी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने, स्पीड ब्रेकर बनाने और कुएं पर मुंडेर बनाने का काम शुरू कराया। इधर, रतलाम जिले के खोजनखेड़ा गांव से 6 मृतकों के शव पहुंचने पर पूरे गांव में मातम फैल गया। सोमवार सुबह सभी मृतकों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग नम आंखों से शामिल हुए। वहीं, खोजनखेड़ा से कुछ दूर जोगी पिपलिया में नागू सिंह और वाहन चालक कन्हैयालाल का भी अंतिम संस्कार किया गया।