CM नीतीश : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव से पहले आशा और ममता कार्यकर्ताओं को एक और सौगात दी है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 3000 रुपये और ममता कार्यकर्ताओं का 600 रुपये कर दिया है। नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 2005 में सरकार बनने के बाद से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए लगातार काम हुआ है। गांवों में आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। उनके इसी योगदान को देखते हुए उनकी मानदेय राशि बढ़ाई गई है, ताकि उन्हें और बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके।
आशा को अब मिलेंगे ₹3000 हर माह
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि अब आशा कार्यकर्ताओं को पहले की जगह 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जो पहले 1000 रुपये थी। वहीं, ममता कार्यकर्ताओं को हर प्रसव पर अब 600 रुपये दिए जाएंगे, जो पहले 300 रुपये मिलते थे। सरकार का कहना है कि इस बढ़ोतरी से दोनों ही कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और वे और बेहतर काम कर सकेंगी। इससे खास तौर पर गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। सरकार ने यह फैसला उनके योगदान को देखते हुए लिया है, क्योंकि उन्होंने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने में अहम भूमिका निभाई है।
मात्र ₹100 मिलते थे 2008 में प्रति प्रसव पर
पिछले कुछ सालों से ममता कार्यकर्ता मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही थीं। उनकी बहाली पहली बार 21 अगस्त 2008 को हुई थी, जब प्रति प्रसव 100 रुपये मिलते थे। बाद में यह बढ़ाकर 300 रुपये किया गया, लेकिन वे इसे कम मानती थीं और महंगाई का कारण बताकर बढ़ोतरी की मांग करती रहीं। अब सीएम नीतीश कुमार ने यह राशि 600 रुपये कर दी है। ममता और आशा कार्यकर्ता ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं में अहम भूमिका निभाती हैं।
CM के फैसले को स्वास्थ्य मंत्री ने बताया ऐतिहासिक
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को एक और बड़ी सौगात दी है। आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाना एक ऐतिहासिक फैसला है। अब आशा को 1000 की जगह 3000 रुपये और ममता को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 रुपये मिलेंगे। सीएम नीतीश ने इसकी घोषणा एक्स पर की। मंत्री ने उन्हें इस फैसले के लिए बधाई दी और उनके नेतृत्व की सराहना की।