स्वतंत्र समय, भोपाल
5 बार के हरदा से विधायक रहे और दो बार मंत्री बनने के साथ ही मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखने वाले पूर्व मंत्री कमल पटेल ( Kamal Patel ) सांसद प्रतिनिधि बना दिए गए हैं और वह सहर्ष इस जिम्मेदारी को निभाने तैयार भी हो गए, जबकि इस पद को पार्षद से भी कम आंका जाता है। कमल पटेल को सांसद प्रतिनिधि बनाने का काम केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने किया है। पटेल के सांसद प्रतिनिधि बनते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म है।
Kamal Patel किसी भी माध्यम से सत्ता में बने रहना चाहते हैं : कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन का अंत हो चुका है। कमल पटेल ( Kamal Patel ) किसी भी माध्यम से सत्ता में बने रहना चाहते हैं। पूर्व मंत्री एवं सांसद प्रतिनिधि कमल पटेल ने इस मामले में कहा- मुझे जिम्मेदारी मिली तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। सोमवार को हरदा पहुंचे केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके ने कहा- हरदा में हमारे दोनों विधायक नहीं हैं। मोदी कैबिनेट में केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में मुझे जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में सबसे योग्यतम व्यक्ति, जो राजनीतक, प्रशासनिक और संगठनात्मक ढांचे में राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं को जिले के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में महती भूमिका निभा सकता है, ऐसे में उन्हें सांसद प्रतिनिधि का दायित्व सौंपा है।
कांग्रेस अपनी पार्टी को देखे : पटेल
पूर्व मंत्री कमल पटेल ने कहा – हमारे केंद्रीय मंत्री या हमारा नेतृत्व किसी भी कार्यकर्ता को कोई जिम्मेदारी सौंपता है तो उनके पेट में दर्द क्यों होता है। उन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं है। वह अपनी पार्टी को देखें। भाजपा के कार्यकर्ता के लिए कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता। सत्ता प्राप्त करना नहीं, सेवा करना हमारा मकसद है। यह दायित्व है, पद नहीं है।
कांग्रेस ने कहा-वे सत्ता की लोलुपता से घिरे
कांग्रेस प्रवक्ता आदित्य गार्गव ने कहा- पूर्व मंत्री कमल पटेल का यह प्रयास वैसा ही है, जैसे एक छात्र एमए में मैरिट होल्डर रहा हो। बाद में वह 8वीं का पेपर दे दे। मिडिल स्कूल में एडमिशन ले ले। एक ओर खुले तौर पर खुद को मप्र के सीएम का दावेदार बता चुके थे। ऐसा व्यक्ति प्रोटोकॉल के तहत पंच से नीचे काम करेगा। इससे जाहिर होता है कि किसी तरह से वे सत्ता की लोलुपता से घिरे हैं।