सीएम सुक्खू का ऐलान: पंचायतों में तैनात होंगे कांस्टेबल, चिट्टे पर लगेगा लगाम

सीएम सुक्खू : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अब पुलिस भर्ती की शुरुआत में ही ड्रग्स, खासकर चिट्टे का डोप टेस्ट जरूरी होगा। टेस्ट में मुख्य रूप से चिट्टा पकड़ा जाएगा। इसके लिए अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। सीएम सुक्खू गुरुवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि चिट्टे के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है।

योजना के तहत हर पांच से छह पंचायतों में एक पुलिस कांस्टेबल, एक आशा वर्कर और एक पंचायत सचिव को तैनात किया जाएगा। इनकी ड्यूटी ड्रग्स पर नजर रखने और जागरूकता फैलाने की होगी। यह पहला चरण होगा। इसके बाद नशे की अन्य चीजों जैसे भांग पर भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार चाहती है कि गांवों से लेकर शहरों तक नशे के नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ा जाए और युवा पीढ़ी को सुरक्षित रखा जाए।

चिट्टा कारोबारियों पर लगेगा PIT-NDPS

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि सरकार ने पहली बार पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट लागू किया है। इस कानून के तहत अगर किसी पर चिट्टे से जुड़ा शक होगा और वह पहले से नशे के धंधे में शामिल रहा है, तो उसे तुरंत हिरासत में लिया जाएगा। सरकार ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही, जो लोग चिट्टे से कमाई गई संपत्ति के मालिक हैं, उनकी संपत्ति पर भी कानूनी कार्रवाई होगी। आने वाले समय में इस पर ठोस फैसला लिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि नशे का नेटवर्क खत्म हो और युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।

चिट्टा तस्करी में लिप्त कर्मचारी नहीं बचेंगे

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी चिट्टे का सेवन करता है या उसकी तस्करी में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नशे को खत्म करने के लिए सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक नशे पर पूरी तरह रोक लगाना मुश्किल है। सभी को मिलकर इस खतरे से लड़ना होगा।