CM यादव की प्रदेशवासियों से बड़ी अपील – “सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें, जीवन अनमोल है”

Bhopal News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि चाहे कितनी भी जल्दी हो, सड़क पर चलते समय सुरक्षा नियमों का पालन अवश्य करें, क्योंकि कोई भी काम जीवन से बड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि हेलमेट और सीट बेल्ट केवल नियमों के लिए नहीं, बल्कि स्वयं की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया और सड़क सुरक्षा के आधुनिक उपायों पर आधारित “संजय” एप्लीकेशन लॉन्च किया। साथ ही आईआईटी मद्रास और सेव लाइफ फाउंडेशन के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री ने आईआईटी मद्रास द्वारा तैयार ‘सड़क सुरक्षा शिक्षा प्रणाली’ पुस्तक और ‘रोड सेफ्टी रिपोर्ट’ का भी विमोचन किया।

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि सड़क सुरक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार संसाधन उपलब्ध करवा सकती है, लेकिन वाहन का नियंत्रण चालक के हाथ में है। उन्होंने कहा कि “स्पीड में गाड़ी चलाकर हीरो बनने की जरूरत नहीं, नियमों का पालन करने वाला ही असली हीरो है।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से नागरिकों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने की अपील की।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि सड़कें किसी भी राज्य की प्रगति की रीढ़ हैं, परंतु बढ़ती रफ्तार के साथ दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने “लोकपथ ऐप” विकसित किया है, जिसके माध्यम से सड़क क्षति या दुर्घटनाओं की सूचना दी जा सकती है। इसमें ब्लैक स्पॉट अलर्ट सिस्टम भी जोड़ा गया है।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि देश में 53% दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों से जुड़ी हैं और सही तरीके से हेलमेट पहनने से 60% जानें बचाई जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार जल्द ऐसा सिस्टम शुरू कर रही है, जिसमें दुर्घटना के बाद सात दिनों तक 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।

आईआईटी मद्रास के प्रो. वेंकटेश बालासुब्रमण्यम ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल तकनीकी नहीं, सामाजिक जिम्मेदारी भी है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में 1041 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जिन पर सुधार कार्य जारी हैं।

कार्यशाला में करीब 3000 प्रतिभागियों ने वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को जनआंदोलन बनाकर ही “दुर्घटना-मुक्त मध्यप्रदेश” का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।