देशभर के उपभोक्ताओं के लिए CNG और घरेलू PNG को लेकर राहत की खबर है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने गैस टैरिफ सिस्टम में बदलाव की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। इस बदलाव के बाद उपभोक्ताओं को गैस की कीमत में सीधी बचत देखने को मिलेगी। नए नियमों के तहत अलग-अलग राज्यों और टैक्स स्ट्रक्चर के अनुसार प्रति यूनिट 2 से 3 रुपये तक की कमी आ सकती है।
यूनिफाइड टैरिफ सिस्टम से आसान होगा ढांचा
टैरिफ व्यवस्था को सरल बनाने के लिए जोन की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई है। पहले दूरी के आधार पर अलग-अलग दरें तय थीं, जिससे उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ पड़ता था। नए सिस्टम में पूरे देश के लिए एक समान दर लागू की जाएगी। पहले जहां कुछ क्षेत्रों में टैरिफ ज्यादा था, अब वहां दरों में सीधी कटौती होगी, जिससे गैस की कुल कीमत कम होगी।
पुरानी व्यवस्था की तुलना में सस्ती दरें
पहले लागू सिस्टम में 200 किलोमीटर तक, 300 से 1200 किलोमीटर और उससे अधिक दूरी के लिए अलग-अलग टैरिफ तय थे। नई व्यवस्था में इन जटिलताओं को खत्म कर एक समान दर लागू की गई है। इससे दूरदराज के इलाकों में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी कम कीमत पर गैस मिलने का रास्ता साफ होगा।
किन उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ
इस बदलाव का फायदा देश में काम कर रही 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के अंतर्गत आने वाले 300 से ज्यादा क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को मिलेगा। इसमें CNG का इस्तेमाल करने वाला परिवहन क्षेत्र और घरेलू रसोई में PNG उपयोग करने वाले परिवार शामिल हैं। नियामक बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि टैरिफ में हुई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहिए और इसकी निगरानी भी की जाएगी।
उपभोक्ता और कंपनियों के बीच संतुलन पर जोर
नियामक बोर्ड का कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य केवल कीमत घटाना नहीं है, बल्कि उपभोक्ताओं और गैस वितरण से जुड़ी कंपनियों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखना भी है। इसलिए टैरिफ रैशनलाइजेशन के साथ-साथ निगरानी व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा।
गैस इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर काम तेज
CNG और PNG नेटवर्क को देश के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए लाइसेंस पहले ही दिए जा चुके हैं। इसमें सरकारी, निजी और संयुक्त उद्यमों की भागीदारी है। राज्य सरकारों के साथ समन्वय के चलते कई जगहों पर VAT में कमी की गई है और मंजूरी की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। सरकार की सस्ती और रैशनलाइज्ड गैस नीति से आने वाले समय में देश में नेचुरल गैस का उपयोग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।