एमपी में बढ़ी सर्दी की मार, शीतलहर की चपेट में भोपाल-इंदौर-उज्जैन संभाग, ग्वालियर-सागर-रीवा क्षेत्रों में घना कोहरा

मध्यप्रदेश में मौसम ने अचानक रुख बदल लिया है और ठंड ने अब अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के कई हिस्सों में सुबह और रात के समय कड़ाके की सर्दी महसूस की जा रही है। ठंडी हवाओं के साथ तापमान में आई तेज गिरावट ने लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेने पर मजबूर कर दिया है। खासतौर पर मैदानी इलाकों में ठंड के साथ कोहरे की चादर छाई हुई है, जिससे जनजीवन धीरे-धीरे प्रभावित होने लगा है।

भोपाल स्थित मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों में शीत लहर के साथ-साथ मध्यम से लेकर अति घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। बीते 24 घंटों में तापमान में बड़े बदलाव दर्ज किए गए हैं। न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है, जिससे रात और सुबह के समय ठिठुरन बढ़ गई है। कई इलाकों में लोग अलसुबह कोहरे के कारण सड़कों पर निकलने से बचते नजर आए।

मौसम विभाग ने विशेष रूप से कुछ जिलों में शीत लहर की चेतावनी दी है। भोपाल, रायसेन, इंदौर और शाजापुर जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान शीत लहर का असर साफ तौर पर देखा गया है। इन क्षेत्रों में आने वाले दिनों में भी ठंड की तीव्रता बनी रहने की संभावना जताई गई है। ठंडी हवाओं के कारण तापमान और नीचे जा सकता है, जिससे बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

कोहरे को लेकर भी विभाग ने अलग-अलग स्तर पर चेतावनी जारी की है। रीवा और छतरपुर जिलों में अति घने कोहरे का अलर्ट है, जहां दृश्यता बेहद कम हो सकती है। वहीं ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, सीधी, मऊगंज, सतना, पन्ना, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। इन इलाकों में वाहन चालकों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि सुबह के समय सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम हो सकती है।

इसके अलावा भोपाल, विदिशा, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर और मैहर जिलों में मध्यम कोहरे का पूर्वानुमान जताया गया है। यहां कोहरे का असर अपेक्षाकृत कम रहेगा, लेकिन फिर भी सुबह और देर रात के समय ठंड और धुंध लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है। कई जगहों पर ट्रेन और बसों की आवाजाही पर भी असर पड़ने की आशंका है।

पिछले 24 घंटों के तापमान आंकड़ों पर नजर डालें तो अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में बदलाव देखने को मिला है। कुछ जिलों में दिन का तापमान सामान्य के आसपास रहा, लेकिन रात का तापमान तेजी से गिर गया। यही कारण है कि दिन और रात के तापमान में अंतर बढ़ गया है, जिससे ठंड ज्यादा चुभने लगी है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान मौसम परिस्थितियों के पीछे सक्रिय मौसमी प्रणालियां अहम भूमिका निभा रही हैं। जम्मू के ऊपर ऊपरी हवा में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो पश्चिमी विक्षोभ से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा 17 दिसंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर सकता है, जिसका असर मध्यप्रदेश के मौसम पर भी देखने को मिल सकता है।

वहीं उत्तर भारत के ऊपर करीब 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम हवाएं लगभग 222 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही हैं। इन तेज हवाओं का असर मैदानी इलाकों में ठंड और कोहरे की स्थिति को और अधिक मजबूत कर रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में ठंड का असर बना रहेगा और लोगों को सर्दी से बचाव के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।