इंदौर: कलेक्टर आशीष सिंह ने ज़िले में पंजीकृत निजी नर्सिंग होम में अपनी सुरक्षा के प्रावधानों की पुख़्ता निगरानी के निर्देश मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी तथा डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के समस्त निजी अस्पताल/नर्सिंग होम का विनियमन मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1977 (यथासंशोधित) 2021 अन्तर्गत किया जाता है, जिसके लिए जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मनोनीत पर्यवेक्षी प्रधिकारी हैं।
ग्रीष्म कालीन माहों में तापमान के बढ़ने पर अस्पताल में अग्नि दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा से संबंधित नियमों का पालन करने हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभागी द्वारा जारी “फायर सेफ्टी प्रमाण-पत्र” विषयक दिशा-निर्देश एवं ऊर्जा विभाग द्वारा जारी “विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र” संबंधी दिशा-निर्देश संलग्न करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक जिले के निजी नर्सिंग होम के पास नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी निर्देश अनुसार विस्तरीय क्षमता के अनुरूप फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र एवं विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र उपलब्ध होना अनिवार्य है। इस बावत आडिट किया जाकर सभी नर्सिंग होम एवं मेडिकल कालेज की आडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम के नवीन पंजीयन/पंजीयन के नवीनीकरण के दौरान संदर्भित निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए ताकि म.प्र. उपचार्यगृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 (यथासंशोधित) 2021 का अनुपालन हो। पंजीकृत नर्सिंग होम द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों का उचित परीक्षण किया जाए एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों का भौतिक निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से अपेक्षित है कि अधीनस्थ जिले के पंजीकृत निजी नर्सिंग होम के पंजीयन की अवधि को नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी फायर सेफ्टी प्रामण-पत्र एवं विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र की वैधता में उल्लेखित तिथि से मिलान किया जाए। निजी नर्सिंग होम के पंजीयन की अवधि के पूर्व यदि फायर सेफ्टी प्रमाण-पत्र की वैधता समाप्त होती हो तो समय रहते अस्पताल संचालक को उक्त प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण हेतु निर्देशित किया जाए। इस संबंध में कमियां पाई जाने पर तत्काल सुधार हेतु प्रबंधन को प्रमाण पत्र देने हेतु निर्देशित करना सुनिश्चित करें।
समस्त निजी अस्पताल संचालकों द्वारा कार्यरत कर्मचारियों एवं चिकित्सकों की अग्नि सुरक्षा एवं आपातकालीन परिस्थिति में अग्नि सुरक्षा उपकराणों के उपयोग हेतु सतत् प्रशिक्षण एवं माक-ड्रिल सुनिश्चित किया जाए। आपात परिस्थिति में भर्ती रोगियों के निकासी एवं आपात द्वार (Emergency Evacaution and Emergency Exits) हेतु उचित दिशा-निर्देशकों का प्रदर्शन प्रमुखता से सुनिश्चित किया जाए। समस्त कर्मचारियों एवं चिकित्सकों की इस मानक प्रक्रियाओं के संबंध में उन्मुखीकरण सुनिश्चित किया जाए। इस हेतु स्थानीय स्तर पर मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी इन्दौर के अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम इन्दौर, अनुविभागीय दण्डाधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगरीय परिषद एवं जिले के विद्युत सुरक्षा अधिकारी समन्वय सुनिश्चित करते हुए उपरोक्त संबंध में 07 दिवस में की गई ऑडिट कार्यवाही से कलेक्टर को रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।