जनसुनवाई में दिखी कलेक्टर शिवम वर्मा की संवेदनशीलता, बुजुर्ग को मिला त्वरित इलाज

इंदौर कलेक्टर कार्यालय में प्रति मंगलवार आयोजित होने वाली जनसुनवाई एक बार फिर संवेदनशील और जनहितैषी प्रशासन का उदाहरण बनी। जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर शिवम वर्मा ने आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और कई मामलों में मौके पर ही त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान प्रशासन की संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से सामने आया।

बुजुर्ग की पीड़ा देखकर पिघला कलेक्टर का मन

जनसुनवाई में पहुंचे बुजुर्ग लक्ष्मी नारायण की हालत ने सभी का ध्यान खींचा। उनकी पत्नी प्रेम बाई ने बताया कि कुछ समय पहले लक्ष्मी नारायण को कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन आर्थिक तंगी और उचित इलाज के अभाव में उनका समुचित उपचार नहीं हो सका। समय पर इलाज न मिलने से उनके पैर में गंभीर संक्रमण फैल गया और वे लगातार असहनीय दर्द से जूझ रहे थे। बुजुर्ग की दयनीय स्थिति देखकर कलेक्टर शिवम वर्मा ने तुरंत हस्तक्षेप किया।

तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल भेजने के निर्देश

कलेक्टर शिवम वर्मा ने बिना किसी देरी के बुजुर्ग को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भिजवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर कार्यालय से ही एंबुलेंस की व्यवस्था कर उन्हें इलाज के लिए रवाना किया गया। इस त्वरित निर्णय से न केवल बुजुर्ग को राहत मिली, बल्कि यह भी संदेश गया कि प्रशासन जरूरतमंदों के साथ खड़ा है।

अस्पताल में मिला निःशुल्क इलाज और मानवीय सहयोग

अस्पताल पहुंचने के बाद लक्ष्मी नारायण को निःशुल्क चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही समाजसेवी जयू जोशी एवं अन्य समाजसेवियों ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए बुजुर्ग की देखभाल की। उन्हें स्नान कराया गया, दाढ़ी कटिंग करवाई गई और नए कपड़े पहनाए गए, जिससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा और वे पूरी तरह बदले हुए नजर आए।

जनहितैषी प्रशासन की बनी मिसाल

वर्तमान में बुजुर्ग लक्ष्मी नारायण अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है। कलेक्टर शिवम वर्मा की इस पहल ने न सिर्फ एक जरूरतमंद बुजुर्ग को नया जीवन और राहत दी, बल्कि जनसुनवाई को संवेदनशील प्रशासन का सशक्त उदाहरण भी बना दिया। यह घटना दर्शाती है कि जब प्रशासन मानवीय दृष्टिकोण के साथ काम करता है, तो जनसुनवाई केवल शिकायतों का मंच नहीं, बल्कि उम्मीद और भरोसे का केंद्र बन जाती है।