स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल के कलेक्टोरेट ( Collectorate ) और कमिश्नर ऑफिस को प्रोफेसर कॉलोनी में शिफ्ट करने का प्लान है। इसके लिए 6 मंजिला बिल्डिंग बनेगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रोफेसर कॉलोनी और कलेक्टोरेट कैंपस रीडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट को हरी झंडी भी दे दी है। दूसरी तरफ, सरकारी दफ्तर कहां लगेंगे? इसे लेकर भी प्लानिंग हो चुकी है। इसी बीच भोपाल सांसद आलोक शर्मा इसके विरोध में उतर आए हैं।
Collectorate को शिफ्ट नहीं होने देंगे: सांसद
सांसद आलोक शर्मा ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुराने भोपाल से सारे सरकारी ऑफिस जा रहे हैं। नगर निगम और आरटीओ पहले ही जा चुके हैं। पुराने भोपाल की जनता मेरे पास आ रही है। उनका कहना है कि अब कलेक्टर ( Collectorate ) ऑफिस नहीं जाना चाहिए। इस बारे में कलेक्टर से चर्चा की है। इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मिलूंगा। शर्मा ने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि पुराने भोपाल से कलेक्टोरेट शिफ्ट न हो। बिल्डिंग पुरानी हो गई है तो उसी स्थान पर नई बिल्डिंग बनाई जा सकती है। यहीं पर पूर्व केंद्रीय और प्रदेश के मंत्रियों के बंगले हैं। वहां भी कलेक्टोरेट शिफ्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा, मैं पूरे भोपाल का सांसद हूं। इसलिए हर क्षेत्र का विकास मेरे लिए जरूरी है।
ढाई साल पहले बना था प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले हाउसिंग बोर्ड ने यह प्रोजेक्ट बनाया था, लेकिन भोपाल सिटीजंस फोरम ने इलाके में पेड़ काटने और छोटे तालाब से 50 मीटर के दायरे में निर्माण को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी। इसी मामले में हरी झंडी मिली। सुनवाई के दौरान हाउसिंग बोर्ड ने बताया था कि प्लानिंग इस तरह से की गई है कि ज्यादातर पेड़ बचाए गए हैं। यह तालाब से 60 से 150 मीटर दूर बनेगा। यह प्रोजेक्ट प्रोफेसर कॉलोनी में लगभग 13 एकड़ में प्रस्तावित है और इस पर करीब 500 करोड़ की राशि खर्च करने की तैयारी है।