हिंदी सिनेमा के दिग्गज कॉमेडियन Johnny Lever, जिन्होंने अपनी बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग से दशकों तक दर्शकों को हंसाया, ने हाल ही में अपनी निजी जिंदगी के एक दर्दनाक अध्याय को साझा किया। यह कहानी उनके बेटे जेसी लीवर के कैंसर से जूझने और उस मुश्किल दौर में परिवार की हिम्मत और विश्वास की है। जॉनी ने बताया कि कैसे एक पिता के रूप में उन्होंने उस डर और बेचैनी को महसूस किया, जब उनके बेटे की जान खतरे में थी।
एक सामान्य गांठ ने बदली जिंदगी
Johnny Lever ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में खुलासा किया कि जब उनके बेटे जेसी सिर्फ 10 साल के थे, तब उनकी गर्दन पर एक गांठ दिखाई दी। शुरुआत में इसे सामान्य सूजन समझा गया, लेकिन जांच के बाद पता चला कि यह एक ट्यूमर है। यह खबर परिवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी जोखिम भरी हो सकती है, क्योंकि इससे जेसी की आंखों की रोशनी जा सकती थी या वह पैरालाइज भी हो सकता था।
जॉनी ने बताया, “उस वक्त हमारा पूरा परिवार टूट गया था। मेरी पत्नी सुजाता को लगने लगा था कि मैं पागल हो गया हूं, क्योंकि मैं दिन-रात प्रार्थनाएं करता रहता था। लेकिन एक पिता के लिए अपने बच्चे का दर्द देखना आसान नहीं होता।”
40-50 गोलियों का बोझ और अमेरिका की यात्रा
जेसी के इलाज के दौरान हालात और गंभीर हो गए। जॉनी ने बताया कि उनके बेटे को दिन में 40 से 50 गोलियां खानी पड़ती थीं, लेकिन ट्यूमर पर इनका कोई असर नहीं हो रहा था। भारतीय डॉक्टरों ने कई उपचार आजमाए, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इस बीच, परिवार ने जेसी का मनोबल बनाए रखने के लिए अमेरिका की यात्रा की।
Johnny Lever: हंसी के पीछे का दर्द
जॉनी लीवर की जिंदगी आसान नहीं रही। स्लम में बिताए बचपन से लेकर अपने बेटे की जान बचाने की जंग तक, उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। फिर भी, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी कॉमेडी से दर्शकों का मनोरंजन करते रहे। उनकी यह कहानी न केवल उनके धैर्य और विश्वास को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि मुश्किल वक्त में हिम्मत और प्रार्थना कितनी ताकत दे सकती है।