स्वतंत्र समय, भोपाल
जबलपुर के जिस घटिया फ्लाईओवर ( flyover ) की जांच के लिए राज्य सरकार ने तीन अधिकारियों की कमेटी बनाई थी, उसकी रिपोर्ट आने से पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने उसे क्लीनचिट दे दी है। जबकि मंत्री के ही निर्देश पर एसीएस नीरज मंडलोई सहित अन्य अधिकारियों ने जांच की और रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।
800 करोड़ के flyover के घटिया निर्माण की शिकायतें
करीब 800 करोड़ की लागत से जबलपुर में बनाए गए फ्लाईओवर ( flyover ) के निर्माण में अनियमितताओं की शिकायतों के चलते राज्य सरकार ने चीफ इंजीनियर सेतू जीपी वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। कमेटी उक्त फ्लाईओवर के निर्माण की जांच कर ही रही थी कि मंत्री के निर्देश पर एसीएस को जबलपुर भेजकर जांच करने को कहा। अब खुद मंत्री अफसरों की जांच रिपोर्ट को नकार रहे हैं। इस मामले में मंत्री राकेश सिंह का भी बयान आया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा-फ्लाईओवर ब्रिज में कभी भी कोई दिक्कत नहीं थी। ब्यूटीफिकेशन के अलावा उसमें और कोई दूसरा विषय नहीं है। राकेश सिंह ने कहा कि संरचनात्मक, डिजाइन की भी कोई समस्या नहीं है। जैसे दो रेल की पटरी के बीच में गैप होता है, ठीक उसी तरह से इस फ्लाई ओवर ब्रिज में दिया गया है, जो कि जरूरी है, वह गैप स्ट्रक्चर फाल्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि समस्या सिर्फ रोटरी में ब्यूटीफिकेशन की थी, जो कि मौसम के कारण नहीं हो पाया। रोटरी में अगर वह गैप नहीं होगा, जिसे कि लोग दरार समझ रहे है, तो फिर फ्लाईओवर ब्रिज की लाइफ को खतरा हो सकता है, इसलिए ये गैप स्वाभाविक है। हाल ही में 800 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे फ्लाईओवर के निर्माण में अनियमितता के साथ-साथ शिकायतें और फिर कुछ तस्वीरें भी सामने आई थी। जिसमें बताया गया था कि निर्माण के दौरान ही उसमें दरारें आ रही हैं, तो फिर आगे क्या होगा।
कांग्रेस भी लगा चुकी है घटिया निर्माण के आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने बयान में कहा था कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह जबलपुर के हैं। उन्होंने फ्लाईओवर निर्माण में कमीशन लिया है। पीडब्ल्यूडी विभाग का मतलब ही 50 प्रतिशत कमीशन होता है। इसके अलावा सदन में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने अपने एक्स पोस्ट में सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जा रही है। विपक्ष के आरोपों पर लोक निर्माण मंत्री के निर्देश पर अधिकारियों की एक टीम गठित की गई थी, जिसने की जांच रिपोर्ट तैयार कर सौंप दी है।