इंदौर नगर निगम ने लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब काम में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देशों के बाद नगर निगम ने जोन क्रमांक 12 में वर्षों से अधूरे पड़े सामुदायिक शौचालय के निर्माण कार्य को लेकर ठोस कदम उठाया है।
छह महीने में होना था काम, 38 महीने बीते फिर भी अधूरा
जोन 12 में स्थित सामुदायिक शौचालय को क्षतिग्रस्त होने के बाद तोड़ा गया था और इसे छह महीनों में फिर से बनाकर चालू किया जाना था। लेकिन असल स्थिति यह रही कि तीन साल से भी अधिक यानी पूरे 38 महीने बीतने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया। यह लापरवाही न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी को दर्शाती है बल्कि जनता की मूलभूत सुविधा को भी लंबे समय तक प्रभावित करती रही।
ठेकेदार पर गिरी गाज, अनुबंध रद्द, राशि जब्त
लंबे समय से जारी इस अनदेखी पर अंततः निगम ने सख्त रुख अपनाया और कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार मेसर्स राधेश्याम कंसल का अनुबंध तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। इसके साथ ही उनकी परफॉर्मेंस सिक्योरिटी की संपूर्ण राशि भी निगम द्वारा राजसात कर ली गई है। यह कदम न केवल भविष्य में अन्य ठेकेदारों के लिए चेतावनी साबित होगा बल्कि निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक भी है।
सात दिन में मांगा स्पष्टीकरण
निगम ने ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिनों के भीतर स्पष्ट उत्तर देने का निर्देश दिया है कि आखिर उसे निगम की किसी भी निविदा में आगामी तीन वर्षों तक भाग लेने से प्रतिबंधित क्यों न किया जाए।