पूर्व सीएम शिवराज और सीएम हिमंत बिस्वा में ‘MAMA’ बनने की होड़

सीताराम ठाकुर, भोपाल

मध्यप्रदेश और असम दोनों ही राज्यों के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों को ‘मामा’ ( MAMA ) के नाम से पुकारा जाता है। मप्र की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना और असम में महिलाओं के लिए प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री अरुणोदय योजना। दोनों में ही हर माह महिलाओं को 1250 रुपए मिलते हैं। सबसे पहले लाड़ली बहना असम में अरुणोदय के नाम से शुरू की गई थी, जबकि मप्र में 15 मार्च 2023 से प्रारंभ हुई। शिवराज पूर्व सीएम हो गए और हिमंत बिस्वा वर्तमान में भी मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे है। इन दोनों के बीच बड़ा ‘मामा’ बनने की होड़ लगी हुई है।

वर्तमान और पूर्व सीएम में MAMA कहलाने की होड़

मप्र में इस योजना में एक करोड़ 31 लाख से अधिक महिलाओं के पंजीयन हुए और सरकार ने पहले चरण में प्रत्येक महिला को एक हजार रुपए देना प्रारंभ किया। बाद में राशि बढ़ाकर 1250 रुपए कर दी गई। वैसे मप्र में करीब 3 लाख लाड़ली बहनों की संख्या भी कम हुई है, लेकिन ‘मामा’ ( MAMA ) के रूप में शिवराज सिंह चौहान को पहचान लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद से मिली और ‘मामा’ के रूप में सबसे ज्यादा पहचान मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू होने के बाद मिली है। लेकिन अब ‘मामा’कहलाने के लिए हिमंत बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह में होड़ मची हुई है।

‘MAMA’ के नाम से उनकी यह नई पहचान बनी

असम की तत्कालीन भाजपा सरकार ने गरीब महिलाओं की मदद के लिए 2 अक्टूबर 2020 से अरुणोदय योजना प्रारंभ की थी। शुरूआत में इस योजना में महिलाओं को हर माह 800 रुपए की सहायता मिलती थी। हिमंत बिस्वा सरमा के सीएम बनने पर इस राशि को 800 से बढ़ाकर 1000 रुपए किया गया और बाद में 1250 रुपए कर दिया। वर्तमान में असम की 26 लाख महिलाओं को अरुणोदय योजना का लाभ मिल रहा है। सरकार इसमें 8 लाख महिलाओं को और शामिल करने की रणनीति बना रही है। वैसे असम एक छोटा राज्य है। पिछले साल असम सरकार ने 2.23 लाख महिलाओं के कर्जे माफ किए हैं। उससे पहले 9 लाख महिलाओं का 1600 करोड़ का कर्ज माफ किया गया। सूत्रों के मुताबिक, पूरे देश की तरह असम में भी भाजपा सरकार ने निजी लाभार्थियों का नया समूह खड़ा कर लिया है। यही भाजपा सरकार में नए ‘मामा’ मुख्यमंत्री के उदय का आधार बना है। वैसे मुख्यमंत्री के रूप में हिमंत बिस्वा सरमा ने 10 मई 2021 को शपथ ली थी। इसके बावजूद ‘मामा’ के नाम से उनकी यह नई पहचान बनी। महिलाएं-बेटियां ही नहीं, अधिसंख्य युवा व बुजुर्ग भी उन्हें ‘मामा’ के नाम से संबोधित करते हैं। नलबाड़ी के बुजुर्ग रामशरण दास कहते हैं कि वह मेरे बेटे की उम्र के हैं? फिर भी वह अब सबके मामा हैं। इधर, तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मप्र में महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने, परिवार स्तर पर निर्णय लिए जाने में महिलाओं की प्रभावी भूमिका को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाड़ली बहना योजना शुरू करने की घोषणा 28 जनवरी 2023 को की थी, लेकिन ये योजना 15 मार्च 2023 से प्रारंभ की गई।