Vijay Deverakonda के खिलाफ दर्ज हुआ केस, आदिवासी संघ ने की शिकायत, जानें क्या है पूरा मामला

Vijay Deverakonda इन दिनों एक विवाद के कारण सुर्खियों में हैं। उनके खिलाफ आदिवासी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में साइबराबाद के रायदुर्गम पुलिस स्टेशन में एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह शिकायत आदिवासी समुदायों की संयुक्त कार्रवाई समिति के तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष नेनावथ अशोक कुमार नाइक ने दर्ज कराई है।

मामला 26 अप्रैल 2025 का है, जब विजय अभिनेता सूर्या की फिल्म ‘रेट्रो’ के प्री-रिलीज प्रमोशनल इवेंट में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले पर टिप्पणी की। विजय ने कथित तौर पर कहा, “भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की जरूरत नहीं है। उनके लोग अपनी सरकार से तंग आ चुके हैं और खुद ही उसके खिलाफ खड़े हो जाएंगे। वे 500 साल पहले की तरह व्यवहार करते हैं, जैसे आदिवासी कबीले बिना सोचे-समझे आपस में लड़ते थे।”

इस बयान में ‘आदिवासी कबीले’ और ‘बिना सोचे-समझे’ जैसे शब्दों ने आदिवासी समुदाय के नेताओं का ध्यान खींचा। उनका मानना था कि विजय ने आदिवासियों की तुलना आतंकवादियों से की, जो न केवल अपमानजनक है, बल्कि समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भी है।

आदिवासी समुदाय का विरोध और कानूनी कार्रवाई

नेनावथ अशोक कुमार नाइक ने रायदुर्गम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि विजय की टिप्पणी नस्लीय रूप से अपमानजनक है और आदिवासी समुदाय का अपमान करती है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने 17 जून 2025 को विजय के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की। यह दूसरा मौका है जब विजय के खिलाफ इस तरह का मामला दर्ज हुआ है। इससे पहले, हैदराबाद के संजीवा रेड्डी नगर पुलिस स्टेशन में भी उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी।

Vijay Deverakonda का माफीनामा

विवाद बढ़ता देख विजय ने 3 मई 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान जारी कर सफाई दी। उन्होंने लिखा, “मेरे बयान से कुछ लोगों को ठेस पहुंची है, जिसका मुझे खेद है। मेरा इरादा किसी समुदाय, खासकर अनुसूचित जनजातियों को चोट पहुंचाने का नहीं था, जिनका मैं दिल से सम्मान करता हूं। मैंने ‘जनजाति’ शब्द का इस्तेमाल ऐतिहासिक संदर्भ में किया था, जिसका मतलब पुराने कबीलों से था, न कि आज के आदिवासी समुदाय से। मेरा उद्देश्य शांति और एकता की बात करना था।”