कांग्रेस का भाजपा पर वार, जीतू पटवारी बोले – किसानों की दिवाली कर्ज और निराशा में बीती

मध्य प्रदेश के मेहनतकश किसानों के लिए इस बार की दिवाली खुशियों से ज्यादा निराशा लेकर आई। फसलें चौपट हो गईं, लेकिन किसानों को ना तो मुआवजा मिला और ना ही फसलों का उचित दाम। इस स्थिति को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12 जिलों में बारिश और बीमारियों से सोयाबीन की फसलें तबाह हो गईं, लेकिन सरकार ने किसानों को सिर्फ “औपचारिक राहत” दी। पटवारी के मुताबिक, 8.8 लाख किसानों में से अधिकांश को बहुत मामूली मुआवजा मिला है, जो उनकी मेहनत और नुकसान की तुलना में कुछ भी नहीं है।

“किसानों को भावांतर नहीं, उचित भाव चाहिए”

जीतू पटवारी ने कहा कि किसान आज भी अपनी मेहनत की सही कीमत पाने के लिए तरस रहा है। बाजार में सोयाबीन का भाव 3500 से 3800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, जबकि लागत और मेहनत के हिसाब से यह भाव बेहद कम है। उन्होंने स्पष्ट कहा — “किसानों को भावांतर योजना नहीं, उचित बाजार मूल्य चाहिए। सरकार केवल योजनाओं की घोषणाओं में उलझी है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि किसान आर्थिक तंगी में फंसा हुआ है।”

सोशल मीडिया पर भी साधा निशाना

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने 19 अक्टूबर को अपने एक्स (Twitter) अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की थी, जिसमें उन्होंने सीएम मोहन यादव और भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने लिखा — “हो सकता है आपके संज्ञान में न हो, लेकिन मैं आपको बता दूं कि मध्य प्रदेश का किसान आज गहरे आर्थिक और सामाजिक संकट में है। वह राज्य की रीढ़ है, फिर भी उसकी हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।”
उनकी इस पोस्ट को हजारों लोगों ने देखा और कई यूजर्स ने किसानों की स्थिति को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की।

भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा की सरकार किसानों की परेशानियों को समझने के बजाय अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि “भाजपा के झूठे वादे, अधूरे मुआवजे और खोखले दावे किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।” पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से जो भी वादे किए थे — मुआवजा, सहायता और खरीदी की गारंटी — सब अधूरे रह गए हैं।

“2028 की दिवाली होगी किसान की खुशहाली वाली”

कांग्रेस नेता ने अपने बयान के अंत में कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा, “भाजपा की नीतियों ने किसानों की दिवाली को अंधेरे में बदल दिया है। लेकिन हम वादा करते हैं कि 2028 की दिवाली किसान की खुशहाली वाली होगी — जब हर खेत में हरियाली होगी, और किसान की मुस्कान सच्ची होगी।”