कांग्रेस ने नहीं बनाए बुथ लेवल पर एजेंट, देश में मचाया एसआइआर को लेकर हंगामा

कांग्रेस की कथनी और करनी में भी कितना अंतर है इसकी पोल तब खुलती है जबकि एसआरआई को लेकर हंगामा मचाने वाली कांग्रेस के बुथ लेवल पर ही एजेंट ही नहीं है तो फिर कांग्रेस कैसे कह सकती है कि मतदाता सूची में फर्जी नाम जुड़े है। राहुल गांधी का पूरा फोकस मतदाता सूची में होने वाली कथित गड़बड़ी रोकने पर है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाना शुरू किया और बिहार में जब चुनाव आयोग ने एसआईआर किया तो पार्टी विरोध में सड़कों पर आ गई। लेकिन एमपी में अब तक बूथ लेवल एजेंट नहीं बन पाए।

वोट चोरी का किस तथ्य पर लगाया आरोप
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर कांग्रेस ने बिहार सहित पूरे देश में हल्ला मचाया। वोट चोरी का आरोप लगाकर इसके विरोध में रैलियां निकालीं लेकिन हकीकत यह भी है कि पार्टी संगठन इसे लेकर गंभीर नहीं है। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में सुधार करवाने के लिए कांग्रेस 193 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) ही नहीं बना पाई है। तो मतदाता सूच में होने वाले संसोधन की निगरानी और जानकारी कौन कांग्रेस के आला कमान तक पहुंचाएंगा।

230 विधानसभा में से केवल 37 में ही बीएलए
मध्यप्रदेश की  230 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल 37 में ही बीएलए बने हैं। जबकि, पार्टी नेता राहुल गांधी का पूरा फोकस मतदाता सूची में होने वाली कथित गड़बड़ी रोकने पर है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के इस काम को प्राथमिकता देने के निर्देश पर अब प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों से कहा है कि आठ नवंबर तक हर हाल में बीएलए नियुक्त करके सूची भेजी जाए ताकि उन्हें प्रशिक्षित कर मतदाता सूची के सुधार कार्य में लगाया जा सके। उधर, भाजपा ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिकतर बूथों पर एजेंट नियुक्त कर सूची आयोग को भेज दी है।

वोट चोर-गद्दी छोड़’ अभियान शुरू किया
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाना शुरू किया और बिहार में जब चुनाव आयोग ने एसआईआर किया तो पार्टी विरोध में सड़कों पर आ गई। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ अभियान शुरू किया। मध्य प्रदेश कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रही। मतदाता सूची की पड़ताल करने के लिए विधानसभा स्तर पर प्रभारी नियुक्त कर दिए। प्रशिक्षण भी दे दिया लेकिन जिन बीएलए को मैदानी काम करना है, उन्हें नियुक्त ही नहीं किया गया।

जिला अध्यक्षों का आवासीय प्रशिक्षण शुरू
जबकि, तीन माह से संगठन महामंत्री संजय कामले इसके लिए लगातार निर्देश दे रहे हैं। इस बीच, सभी जिला अध्यक्षों का आवासीय प्रशिक्षण रविवार से नर्मदापुरम जिले के पर्यटन स्थल पचमढ़ी में प्रारंभ हो गया। अब 10 दिन वे वहीं रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर निर्देश दिए हैं कि आठ नवंबर तक बीएलए नियुक्त कर दिए जाएं। निर्वाचन आयोग ने इस बार बीएलए की फोटो भी मांगी है ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके। एजेंटों का काम मतदाता सत्यापन के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के साथ घर-घर जाना और दावा-आपत्ति करने का होता है।

पीसीसी के गृह जिले इंदौर में ही पिछड़ी पार्टी
प्रदेश कांग्रेस को अब तक प्राप्त सूची के अनुसार छिंदवाड़ा, ग्वालियर, खरगोन, छतरपुर और नर्मदापुरम जिले में बीएलए की नियुक्ति का काम पूरा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह जिले इंदौर में ही नियुक्तियां अभी तक नहीं हुई हैं। भोपाल में केवल मध्य क्षेत्र की सूची प्राप्त हुई है। बता दें, एसआइआर के तहत मतदाताओं की पहचान करने के लिए मंगलवार चार नवंबर से घर-घर सर्वे प्रारंभ होगा। यह चार दिसंबर तक चलेगा।