विपिन नीमा, इंदौर
कहते हैं कि जब परिवार का बड़ा सदस्य दूर चला जाता है तो पूरा परिवार बिखर जाता है। यहीं स्थिति कांग्रेस ( Congress ) की बनी हुई है। प्रदेश में अब कांग्रेस युवा नेताओं के भरोसे चलेगी, क्योंकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी में आरोप, अंसतोष और बगावत खुलकर सामने आ रहे है।
Congress में बगावत का खेल जारी है
हालात को देखते हुए ऐसा लग नहीं रहा है की पार्टी भविष्य में मजबूत होगी। फिलहाल पार्टी में बगावत का खेल जारी है। पहले विधानसभा में बुरी तरह से पराजित होने के बाद पार्टी ने दिग्गज कमलनाथ को माइनस करते हुए उनसे सारे पॉवर छिन लिए। इसके बाद लोकसभा चुनाव में दिग्जिवय सिंह को टिकट देकर उन्हें संगठन से दूर कर दिया। दोनों बुजुर्ग नेता्ओंं को निचले क्रम पर रखकर पार्टी की युवा जीतू पटवारी को पार्टी का सर्वे-सवा बना दिया। आलाकमान व्दारा इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के बाद भी पटवारी पार्टी की इमेज नहीं बना पाए। वे न तो लोकसभा में एक भी सीट दिला पाए और न ही पार्टी के नेताओं से मधुर संबंध बना पाए है। राहुल गांधी ने उन पर जिस तरह से विश्वास किया था उस पर भी वे खरे नहीं उतर सके। फिलहाल तो पटवारी ने पार्टी की कमान संभाल रखी है। लेकिन ये तय है की आरोप और बगावत के बीच कभी भी उनकी भी नैया डूब सकती है।
ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक संगठन में दिखेंगे नए चेहरे
अभी हाल में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पटवारी पर भाजपा से व्यवसायिक संबंध होने के गंभीर आरोप लगाया था। इस मामले में पटवारी पर तो कुछ नहीं हुआ , लेकिन आरोप लगाने वाले नेता के ही पर काट दिए। उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उधर प्रदेश में बढ़ते बगावत से ध्यान हटाने के लिए पार्टी हाईकमान ने संगठन का विस्तार करने और नई कार्यकारिणी में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शामिल करने के निर्देश दे दिए है। अब पटवारी नई कार्यकारिणी बनाने में जुट गए है। बताया गया है की आने वाले दिनों में ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक संगठन में नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, मप्र कांग्रेस कमेटी नई कार्यकारिणी के गठन में जुटी हुई है। 20 जुलाई को प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह ने पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक बुलाई है। इसमें वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद नई टीम की सूची को अनुमोदन के लिए केन्द्रीय संगठन को भेजा जाएगा।
क्या दिग्विजय और कमलनाथ को संगठन में मिलेगी जगह …
कांग्रेस के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और कमलनाथ की भविष्य में पार्टी में क्या भूमिका रहेगी । ये आलाकमान तय करेंगा। लोकसभा चुनाव में दोनों दिग्गजों का प्रदर्शन आलाकमान ने देख लिया है। कमलनाथ अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा से ही अपने पुत्र को नहीं जीता पाए वहीं दिग्विजयसिंह भी अपने गृह क्षेत्र राजगढ़ से ही अपनी खुद की सीट नहीं निकाल पाए है। इससे साबित हो गया है की जनता ने इन्हें नकार दिया है। ऐसी स्थिति में संगठन में इनका अब कोई स्थान नहीं बनता दिख रहा है।
युवा चलाएंगे प्रदेश कांग्रेस को
दिल्ली से आलाकमान ने संदेश भेजा है की मप्र में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए युवा नेताओं का चयन किया जाए। उन्हें पद देकर पार्टी को मजबूत करे। आलाकमान ने यह भी निर्देश भेजे है की संगठन का विस्तार किया जाए। जिन नेताओं ने दोनों बड़े चुनावों में सबोटेज किया है उन्हें नजर अंदाज किया जाए। अगले चुनाव तक पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करें , अभियान चलाए , जनता से मिले और सरकार की कमजोरी को उजागर करें। युवाओं को 50 फीसदी से अधिक पद दिए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस द्वारा सभी पदाधिकारियों को न केवल कार्यक्रम दिए जाएंगे। बल्कि उन्हें प्रवास करके रिपोर्ट भी देनी होगी। यही व्यवस्था जिला इकाईयों में भी लागू होगी। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस सहित पूरी कांग्रेस में जुलाई महीने में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।