इंदौर । पांच महीने पहाड़ खोदने के बाद शहर अध्यक्ष की नियुक्ति कर कांग्रेस ने फिर से साबित कर दिया कि वो जमीनी कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि खानदान की विरासत और बपौती से चलने वाली पार्टी है। ये बात भाजयुमो के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुमित मिश्रा ने आज जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसे अध्यक्ष बनाती है ये उसका अंदरूनी मामला है पर इस नियुक्ति ने अरविंद बागड़ी, देवेंद्र सिंह यादव, राजेश चौकसे, अमन बजाज, जैसे नेताओं का हक सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि उनके पिता कांग्रेस के बड़े नेता नही थे।
उन्होंने कहा कि नकुलनाथ, जयवर्धन सिंह, विक्रांत भूरिया, लक्ष्मण सिंह, हेमंत कटारे, इन नामों की लिस्ट में अब सुरजीत चड्ढा का नाम भी जुड़ गया है। 45 हजार वोट से विधानसभा और हजारों वोट से निगम पार्षद चुनाव हारने वाले व्यक्ति को शहर अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने साबित कर दिया कि कांग्रेस में पद सिर्फ बपौती से मिल सकता है। मिश्रा ने कहा कि अरविंद बागड़ी जैसे नेता को अध्यक्ष बनाकर एक ही दिन में हटाकर कांग्रेस ने पूरे वैश्य समाज का जो अपमान किया उसका खामियाजा महामंत्री पद की रेवड़ी से नहीं हो सकता।
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नेहरू गांधी परिवार केंद्र में, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का परिवार प्रदेश में और उजागर सिंह का परिवार इंदौर में। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेसी हलकों में इस बात की भी चर्चा है कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष का पद पूर्व मुख्यमंत्री के युवराज एमएलए को गिफ्ट की गई ब्लैक फार्च्यूनर कार के तोहफे के बदले मिला है। इसकी सच्चाई कमलनाथ को पता लगाना चाहिए। उनके समर्थक के हाथ से से शहर कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी चला गया और उनके युवराज के हाथ ब्लैक फार्चूनर भी नहीं आई।