Congress ने कहाः पार्लियामेंट वन साइड में चलता है मैं इसको प्रजातांत्रिक नहीं मानता

स्वतंत्र समय, भोपाल

लोकसभा चुनाव में पहली बार भोपाल में कांग्रेस ( Congress ) के बड़े नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा- देश में मानवीय अधिकारों का हनन हो रहा है। यह तानाशाही है। मैं ऐसे प्रजातंत्र में नहीं रहना चाहता। कश्मीर के लोगों की बात करते हो तो वहां चुनाव तो कराओ। देश का पार्लियामेंट नहीं चल रहा है। चलता भी है तो भी जिस प्रकार से कानून बनते हैं वो प्रजातांत्रिक नहीं है। विपक्ष न बोल सकता है और न ही विरोध कर सकता है। पीसीसी में बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए तन्खा ने कहा-पार्लियामेंट वन साइड में चलता है। इसको मैं प्रजातांत्रिक नहीं मानता और मैं इस तरह की व्यवस्था में रहना नहीं चाहता हूं।
मैंने यह बात देश के उपराष्ट्रपति को पत्र लिखकर बताई है। उन्होंने कहा था कि तन्खा जी मैंने नहीं सोचा आप अपनी पार्टी के लीडर के साथ वेल में आ जाएंगे। लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे। उन्होंने कहा-मैं इस बात से पूर्ण सहमत हूं कि प्रजांतत्र और स्वतंत्र पत्रकारिता एक सिक्के के दो पहलू है। मीडिया की आजादी के लिए हम संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि संसद की प्रतिष्ठा गिर रही है। न्यायपालिका की नियुक्तियों में गैर वाजिब हस्तक्षेप है। यूपीए सरकार में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के अनुशंसा को सम्मान से देखा जाता था। आईटी, ईडी, सीबीआई की प्रतिष्ठा बरकरार रहे प्रयास करेंगे।

Congress सबको साथ लेकर चलती है: दिग्गी

पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस ( Congress ) दिग्विजय सिंह ने कहा- हमें इस बात का दुख है और हम आश्चर्यचकित भी हैं कि क्या कारण है कि जातिगत आधार पर जनगणना नहीं हो पा रही। सामान्य तौर पर हर 10 वर्ष में जनगणना होती है लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना नहीं हो पाई। जब तक जातिगत की जनगणना के आंकड़े सामने नहीं आएंगे, पता नहीं लगेगा कि किसकी कितनी हिस्सेदारी है। जब से मोदी सरकार आई है उन्होंने कंप्लीमेंट प्लान और ट्राइबल सब प्लान खत्म कर दिया है। आजकल भाजपा की रैली में जितना खर्च किया जाता है उतना उनके हित के लिए यह खर्च नहीं होता।

घोषणा-पत्र के वादे पूरे नहीं करती भाजपा: सिंघार

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- एससी-एसटी और सर्वहारा वर्ग बैकलॉग के पदों पर भर्ती नहीं हो रही है। भाजपा घोषणा पत्र में तो लाती है मगर करती कुछ नहीं। अमित शाह मंडला और शहडोल के दौरे पर आए थे। उन्होंने आदिवासी अधिकार की बात कही, लेकिन कई सालों से जंगलों में रहने वाले आदिवासी भाइयों के पास अधिकार नहीं है। कांग्रेस वन अधिकार अधिनियम के लिए कानून स्थापित करेगी। कांग्रेस की सरकार आने पर छात्रवृत्ति दोगुनी की जाएगी। बैकलॉग के पदों पर भर्ती 1 साल के अंदर की जाएगी। श्रमिक मुद्दों को लेकर जेपी धनोपिया और महिलाओं को लेकर विभा पटेल ने भी कांग्रेस घोषणा पत्र के मुद्दे रखे।