कांग्रेस ने किया भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के नामांकन दाखिल करने पर कटाक्ष 

भारतीय जनता पार्टी के इन्दौर लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने शहर भाजपा द्वारा घोषित रूप से मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव के साथ आकर 25 अप्रैल को नामांकन भरने के पहले ही अघोषित रूप से कलेक्ट्रेट आफिस जाकर अपना नामांकन भर दिया।

जिस पर कांग्रेस प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कटाक्ष करते हुए कहा की भाजपा मे अंदुरनी हालात ठीक नहीं लग रहे। शंकर भाई का जबसे टिकट तय हुआ है उनके चेहरे पर हवाईया उडी हुई है संगठन से लेकर भाजपा कार्यकर्ताओ का उनको पहले जैसा साथ नहीं मिल रहा है अकेले ही जनसम्पर्क कर रहे है। उनके टिकट घोषित होने के बाद से ताई और भाई के बीच शीत युद्ध फिर शुरू होगया है एक और पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन जी ने चुनाव मे फिर सक्रिय हो गई है तो वही भाई कैलाश विजयवर्गीय जी ने चुनाव से दुरी बना रखी है। मंत्री जी की विधानसभा 1 मे हुआ जनसम्पर्क भी पूरा तरह फीका रहा है जिसमे न कोई उत्साह दिखा न क्षेत्रीय नेताओं की उपस्थिति जबकि उक्त विधानसभा मे संगठन कई दौर की बैठके कर चूका था।

प्रवक्ता अमित चौरसिया ने तंज कसते करते हुए कहा की भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी द्वारा इस तरह पार्टी द्वारा पूर्व घोषित आधिकारिक कार्यक्रम से उलट आज अघोषित रूप से अपने नामांकन दाखिल करना किस असुरक्षा की और इशारा कर रहा है..?? जब लालवानी ने अपना फार्म जमा कर दिया है तो मुख्यमंत्री के साथ एक बार फिर आकर फार्म भरने का क्या औचित्य रह गया है। लालवानी जी मुहूर्त के तहत अभी अपना नामांकन दाखिल करने की बात कर रहे है। खुद को हिन्दू सनातनी विचार धारा का परिचायक दिखाने वाली भाजपा कोई भी कार्य बिना मुहूर्त और चौघड़िया देखे नहीं करती तो फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। पार्टी के अधिकारक कार्यक्रम से इतर उन्होंने ऐसा क्यों किया। जब पार्टी द्वारा कार्यक्रम बनाया जा रहा था तब मुहुर्त की बात नहीं बताई गई थी क्या। तो अब भाजपा को बताना चाहिए की जब नामांकन दाखिल कर ही दिया है तो फिर मुख्यमंत्री के साथ दोबारा आने का क्या औचित्य रह गया है ?