स्वतंत्र समय, बनासकांठा
कांग्रेसी नेता लगातार कह रहे हैं कि चुनाव प्रचार के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। कांग्रेस ( Congress ) के खाते सीज कर लिए गए हैं, इसलिए कहीं भी पार्टी के प्रचार में जोश दिखाई नहीं दे रहा है। ताजा मामला गुजरात की बनासकांठा लोकसभा सीट पर देखने को मिला है। कांग्रेस ने चुनाव खर्च के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग लेने के लिए ‘डोनेट फॉर देश’ अभियान शुरू किया था, जिसमें लोगों से बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए कहा गया था। बनासकांठा से कांग्रेस उम्मीदवार गनीबेन ठाकोर को भी अपने चुनाव प्रचार पर होने वाले खर्च की धनराशि जुटाने के लिए लोगों से आर्थिक मदद लेनी पड़ रही है।
विवेक तन्खा ने कहा था Congress के पास प्रचार के लिए पैसे नहीं हैं
कुछ दिन पहले कांग्रेस ( Congress ) के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि कांग्रेस के पास प्रचार के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इशारों पर आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 3560 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया की बात कहते हुए पार्टी के खाते सीज कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि पैसा कांग्रेस के पास नहीं है। बचा-खुचा पैसा आप बैंक से उठाकर ले जा रहे हो। विवेक ने कहा था ‘हम कहां प्रचार कर रहे हैं, कहां पोस्टर बैनर दिख रहा है। जो थोड़ा बहुत हम लोग बोल रहे हैं यही प्रचार है। पैसा ही नहीं है। जब किसी पार्टी के पास तो प्रचार कैसे होगा।’
बनासकांठा प्रत्याशी मांग रही हैं चंदा
बनासकांठा जिले के वाव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की मौजूदा विधायक गनीबेन ठाकोर ने दावा किया कि उन्हें चुनाव प्रचार पर खर्च करने के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग के रूप में अच्छी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में होने वाले खर्च में उनके वाहन के ईंधन का खर्च और जनसभा की व्यवस्था भी शामिल है। गनीबेन ठाकोर ने एक रैली में कहा था कि प्रचार अभियान शुरू किए जाने के बाद पिछले 40 दिन में लोग चुनाव खर्च के लिए दान करने के लिए काफी संख्या में आगे आए हैं और लोगों द्वारा किया गया आर्थिक सहयोग 50 लाख रुपये तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनके वाहन के लिए डीजल का खर्चा भी बनासकांठा के लोगों द्वारा ही वहन किया जा रहा है। ठाकोर ने इससे पहले एक जन सभा में कहा था ‘मैं बनासकांठा के लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं। पिछले एक महीने और दस दिनों में जिले के 14 तालुका के विभिन्न समुदायों के लोगों ने विभिन्न तरह के खर्च वहन किये हैं जिसमें जनसभाओं की व्यवस्था करना, भोजन आदि शामिल है।’ गनीबेन ठाकोर ने 2019 में बनासकांठा जिले के 12 गांवों के अपने समुदाय के बुजुर्गों द्वारा जारी एक फरमान का समर्थन किया था। उक्त आदेश में अंतरजातीय विवाह और अविवाहित युवतियों के मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। वर्ष 2020 में उन्होंने गुजरात में 14 महीने की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार के बाद कहा था कि बलात्कारियों को पुलिस को सौंपने के बजाय जिंदा जला दिया जाना चाहिए।