कांग्रेस के “पूर्व मंत्री बने जिलाध्यक्ष”, जयवर्धन समर्थकों को फूटा आक्रोश- जलाया जीतू पटवारी का पुतला

देश की राजनीति में विपक्ष के सबसे अहम पद पर बैठे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की नादानी एक बार फिर देश में चर्चा का विषय बन गई है। संगठन सजृन के नाम पर जिलाध्यक्षों की नियुक्ती से अब पूरे मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं के बीच अंसतोष फैला दिया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और कांग्रेस के शासन में मंत्री रह चुके जयवर्धन सिह को गुना जिलाध्यक्ष बना दिया। जो कि कांग्रेस की स्थिति बयां कर रहा है कि  कांग्रेस के हालात इतने बद्त्तर हो चुके है कि जो कभी सत्ता में मंत्री थे उन्हें अब जिला अध्यक्ष बना कर कार्य और पद दिया जा रहा है।

जयवर्धन के कद की उड़ा दी धज्जियां
गुना में पार्टी कार्यकर्ता ही आलोचना करते हुए कह रहे है कि जयवर्धन सिंह की छवि को धूमिल करने प्रयास किया गया है। कार्यकर्ता अपनी पोस्ट में कह रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व करने वाले नेता को जिला तक सीमित करना अन्यायपूर्ण है। आलाकमान को इस बारे में दोबारा सोचना चाहिए।

कार्यकर्ताओं का फूटा आक्रोश
जयवर्धन सिंह को कांग्रेस गुना कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर राघौगढ़ कांग्रेस कार्यकर्ता नाखुश नजर आ रहे हैं। गुस्साए समर्थकों ने घोषणा के बाद ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला फूंका। सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यकर्ता पार्टी के फैसले की आलोचना करते हुए जयवर्धन सिंह की छवि को धूमिल करने का आरोप लगा रहे हैं। कार्यकर्ता अपनी पोस्ट में कह रहे हैं कि प्रदेश का नेतृत्व करने वाले नेता को जिला तक सीमित करना अन्यायपूर्ण है। आलाकमान को इस बारे में दोबारा सोचना चाहिए।

कांग्रेस में जान फूंकने जयवर्धन को सौंपी कमान
राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह को गुना जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। कई कांग्रेसजन न केवल उत्साहित हैं, बल्कि पार्टी के इस कदम को कांग्रेस में जान फूंकने वाला बताया जा रहा है। खास बात यह कि 14 साल पहले उन्होंने जनता का भरोसा जीता, जिसके बाद राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इस तरह वे जानते हैं कि जनता से जुड़ाव के बिना संगठन मजबूत नहीं हो सकता।

पार्टी ने जिले में भेजे थे आब्जर्वर
कांग्रेस जिलाध्यक्ष चुनने से पहले पार्टी ने लगभग दो माह पहले जिले में आब्जर्वर भेजे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से न केवल मुलाकात की थी, बल्कि रायशुमारी कर फीडबैक भी लिया था। बताया जा रहा है कि गुना जिले में भी आब्जर्वर हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे और रायशुमारी की थी। इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी गई। इसमें गुना जिलाध्यक्ष की कमान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को सौंपी गई है। इससे कांग्रेसजन उत्साहित हैं, क्योंकि जयवर्धन (जेबी) की स्वीकार्यता पार्टी में सभी के बीच है।

जमीन पर कार्य कर चुके है जयवर्धन
बता दें कि जयवर्धन सिंह 14 साल पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत वापस लौटे, तो उन्होंने 2011 में पिता दिग्विजय सिंह के समक्ष राजनीति में आने की मंशा जताई, लेकिन पिता नहीं चाहते थे कि वे राजनीति में आएं। इस पर नाखुश बेटे जयवर्धन ने राजनीति में न केवल अच्छा, बल्कि सफल होने की बात कही, तो पिता ने शर्त रखी कि पहले राघौगढ़ की जनता के साथ सात दिन व्यतीत करें, हर परिवार से मिलकर उनकी बात सुनें। यदि क्षेत्र की जनता ने अपना लिया, तो राजनीति में आ सकते हो। इसके बाद जयवर्धन ने पदयात्रा शुरू की क्षेत्र की जनता का विश्वास जीता, जिसके बाद ही उनका राजनीति का सफर शुरू हुआ था।