Contract Employees Regularization : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को समर्थ और सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सशक्त नारी से ही प्रदेश और देश न केवल मजबूत हो रहा है, बल्कि समृद्ध भी बन रहा है। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को अधिकार मिलने से समाज में सकारात्मक बदलाव आते हैं। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो अनादिकाल से मातृशक्ति का सम्मान करता आ रहा है। सनातन संस्कृति में शक्ति, धन और समृद्धि को देवियों के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है।
डॉ. यादव ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद संसद में महिलाओं को मिले 33 प्रतिशत आरक्षण से उनकी शक्ति और अधिक परिलक्षित होगी और देश के प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, संपत्ति के रजिस्ट्रेशन पर महिलाओं को एक प्रतिशत की छूट दी गई है, जिससे बड़ी संख्या में संपत्तियां महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हो रही हैं।
महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश में 44 प्रतिशत स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार महिला स्व-सहायता समूहों को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिनकी संख्या 5 लाख से अधिक हो चुकी है। साथ ही, बहनों को उद्योग स्थापना के लिए बैंक लोन पर अनुदान भी दिया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य स्तरीय पुरस्कार भी वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित स्व-सहायता सम्मेलन में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत एक हजार युवतियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। साथ ही, उन्होंने डिजिटल ई-न्यूज लेटर “आजीविका अनुभूति” का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीहोर जिले के स्व-सहायता समूह सदस्यों को 200 ई-साइकिल वितरित कीं और आजीविका मिशन के चलित जैविक हाट बाजार के तीन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान अतिथियों का स्वागत तुलसी का पौधा भेंटकर किया गया, जो भारतीय संस्कृति में शुभता और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक माना जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार बहनों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि लाड़ली बहना योजना के तहत एक करोड़ 27 लाख बहनों के खातों में अब तक 1552.73 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई है।
डॉ. यादव ने कहा कि जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक लाड़ली बहनों के खातों में कुल 22,227.89 करोड़ रुपए की राशि भेजी जा चुकी है। उन्होंने इस योजना को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक मजबूत माध्यम बताते हुए कहा कि हर महीने बहनों के खातों में राशि भेजकर सरकार रक्षाबंधन मना रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि लाड़ली बहना योजना कभी नहीं रुकेगी और राज्य सरकार के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए मध्यप्रदेश से शुरू हुई यह योजना पूरे देश में सराही जा रही है और इसे एक मॉडल योजना के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 29 लाख बहनों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के तहत 55 करोड़ 95 लाख रुपए की अनुदान राशि सिलेंडर रिफिलिंग के लिए अंतरित की गई है। अब तक 825 करोड़ रुपए की राशि बहनों को जारी की जा चुकी है, जिससे महिलाओं को प्रतिदिन ईंधन जुटाने की मजबूरी से राहत मिली है।
उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे महिलाओं का जीवन आसान हुआ है और उनका समय व श्रम बच रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने हर संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. यादव ने गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चल रही योजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार जो कह रही है, वह करके दिखा रही है।
मुख्यमंत्री ने “विकसित भारत@2047” के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा कि इस मिशन में मध्यप्रदेश की भूमिका अहम होगी, और आने वाले समय में राज्य देश में नंबर-1 बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 19,000 से अधिक बहनों का कन्यादान सरकार द्वारा किया गया है। यह सामूहिक विवाह सामाजिक समरसता, सौहार्द और एकता का संदेश देते हैं। अब तक इस योजना के अंतर्गत 115 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि आहार अनुदान योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे देशभर में चार करोड़ से अधिक मकान बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा कि बच्चियों, बालिकाओं और बेटियों के साथ दुराचार करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे दोषियों को फांसी की सजा दिलाने तक सरकार पीछे नहीं हटेगी और किसी भी परिस्थिति में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में जबरदस्ती या बहला-फुसलाकर विवाह और धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू किया गया है।
महिला कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने विशेष सुविधाएं प्रदान की हैं:
• शासकीय महिला कर्मचारियों को सात दिन का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश दिया गया है।
• संविदा महिला कर्मचारियों को 180 दिन (छह महीने) का प्रसूति अवकाश प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर कदम पर महिलाओं के साथ है और वे आगे बढ़ें, आत्मनिर्भर बनें, सरकार उन्हें हर संभव सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगी।