स्वतंत्र समय, भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में दीक्षांत शपथ का हर दिन मनन करें, सत्य का हमेशा पालन करें। अपने माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करें। शिक्षक इस दिशा में विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन करें। स्वयं को नवीनतम ज्ञान और तकनीक से अपडेट रखें। चुनौतियों के समाधान के लिए उन्हें प्रेरित करें।
Convocation ceremony में बोले राज्यपाल
राज्यपाल मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के दीक्षांत समारोह ( Convocation ceremony ) को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहित कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार आदि उपस्थित थे। राज्यपाल तथा सीएम डॉ. यादव ने बीयू के विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिजिटल मार्कशीट और डिग्री प्रदान करने की व्यवस्था का शुभारंभ किया। इस मौके पर विद्यार्थी तनु गुलाटी को डिग्री और अनुपमा कुजूर को पीएचडी की उपाधि डिजिटल स्वरूप में प्रदान की गई।
संसार से जुडऩे का महत्वपूर्ण पड़ाव: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को उपाधियां नि: शुल्क रूप से प्रदान करने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन से दीक्षित होने के बाद संसार से जुड़ने का महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पीएचडी की उपाधियां मंच से प्रदान की गईं।
भारत वास्कोडिगामा नहीं, चंदन व्यापारी की खोज: मंत्री परमार
भारत की खोज वास्कोडिगामा ने नहीं ,चंदन नाम के व्यापारी ने की थी। वास्कोडिगामा ने खुद लिखा है कि, चंदन व्यापारी का जहाज उसके जहाज के आगे चल रहा था। हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है। अमेरिका की खोज भी कोलंबस ने नहीं की, बल्कि हमारे पूर्वजों ने की है, जिसके रिकॉर्ड आज भी मौजूद हैं। यह कहना है उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का। वे मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।