Corporation Bill Scam : पुलिस के हाथ लगी 15 करोड़ के घोटाले की 25 फाइलें

स्वतंत्र समय, इंदौर

नगर निगम में हुए सवा सौ करोड़ के फर्जी बिल घोटाले  ( Corporation Bill Scam ) के मामले में गिरफ्तार किए गए इंजीनियर अभय राठौर से पुलिस ने रिमांड लेकर पूछताछ शुरु कर दी है। प्रारम्भिक पूछताछ में कई जानकारियां दी है। राठौर की जानकारी के आधार पर पुलिस अपनी जांच को तेजी से आगे ले जा रही है। राठौर को कोर्ट में पेश कर 15 मई तक रिमांड पर लिया गया है। आरोपी अफसर से एडिशनल कमिशनर अमित सिंह और डीसीपी पंकज पांडे ने पूछताछ कर रहे है। पूछताछ में नई जानकारी के अनुसार राठौर के पास से 15 करोड़ की गड़बड़ी और फाइलें मिल गई है। इन फाइलों को परीक्षण के लिए निगम के ड्रेनेज, जनकार्य और उद्यान विभाग को भेजा गया है। इस मामले में पुलिस इसका परीक्षण करने में जुट गई है।

Corporation Bill Scam में कड़ियां जुड़ना शुरू

नगर निगम में घोटाला ( Corporation Bill Scam ) उजागर होने के बाद से एक के बाद एक कडिय़ां जुडऩा शुरू हो गई है। अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है कि आखिर घोटाला कितने करोड़ का हुआ है। अब तक पुलिस केहि साब से भी बोटाले की गौल 100 क रोड़ से ज्यादा की हो गई है। पुलिस के द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ कर सबूत जुटाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ ही जी जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक पुलिस के द्वारा नगर निगम से भी दस्तावेज मांगे जा रहे है।

25 फाइलों में है 15 करोड़ का घोटाला

जानकारी के मुताबिक पुलिस के द्वारा अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछता में जो कनकारी मिल रही है। उसके आधार पर पुलिस के द्वारा नगर निगम से जानकारी जुहराने का काम किया रहा है। इन गिरफतार किए गए आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस के द्वारा नगर निगम की लेखा शाखा से जाकारी मांगी गई। इस जानकारी 25 फाइले और निकल कर सामने आ गई है। इन फाइलों में से 21 फाइल तो ड्रेनेज विभाग की ही है जबकि तीन फाइलें जनकार्य विभाग की है और एक फाइल उद्यान विभाग है। यह सभी फाइल 15 करोड़ रु की है। जानकारी सामने आई है उसके अनुसार यही फर्जी फाइल है। इन फाइल के आधार पर संबंधित कर्म के नाम पर भुगतान भी जारी हो चुका है। नगर निगम की लेखा शाखा के द्वारा यह सभी फाइल संबंधित विभाग में भेजी गई है। विभाग प्रमुख से कहा गया हैै कि कि इन फाइलों का परीक्षण कर इस बात की तस्दीक करें कि यह फाइल फर्जी है अथवा काम होने के बाद प्रस्तुत की गई फाइल है। अब अगले सप्ताह में इन विभागों से इन फाइलों को लेकर रिपोर्ट आएगी। उसके बाद में इन फाइलों का मामला आगे बढ़ेगा।

आरोपी राठौर ने ड्रेनेज विभाग के इंजीनियर गुप्ता पर लगाये आरोप

इंदौर नगर निगम में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में मास्टरमाइंड के रूप में गिरफ्तार किए गए निगम के इंजीनियर अभय राठौर ने ड्रेनेज विभाग के इंजीनियर सुनील गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस घोटाले में शामिल होना बताया है। इस आरोपी के द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि उसे मास्टरमाइंड कहना गलत है। इस घोटाले में बहुत सारे लोग शामिल हैं। फर्जी फाइल बनाने के मामले में जब पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपी अभय राठौर ने बताया कि विभाग में पदस्थ होने के कारण उसे यह मालूम होता था कि कौन से काम का टेंडर हो गया है। ऐसे में जिस काम का टेंडर हो गया है उसका के टेंडर के नंबर का उपयोग करते हुए फर्जी फाइल बनाने का काम किया था। उसने यह भी स्वीकार किया है कि इस फाइल में जितने भी अधिकारियों के हस्ताक्षर है वह भी फर्जी है। यह फर्जी हस्ताक्षर करने का काम ठेकेदार मोहम्मद जाकिर और राहुल बडेरा के द्वारा किया जाता था।

एफआईआर कराने वाले गुप्ता पर गंभीर आरोप

राठौर ने इस मामले में एफआईआर कराने वाले ड्रेनेज विभाग के इंजीनियर सुनील गुप्ता पर जमकर आरोप लगाए हैं। राठौर ने कहा कि वह 45 करोड़ के घोटाले में शामिल है। उसके पास इस घोटाले की फाइल है और यदि जांच हुई तो सब कुछ सामने आ जाएगा। मास्टर माइंड सुनील गुप्ता है और वही ड्रेनेज विभाग देखता है। खुद को बचाने के लिए मुझे फंसाया है। उल्लेखनीय है कि गुप्ता की कार से ही इस घोटाले से जुड़ी मूल 20 फाइल चोरी हुई थी, जिसकी 5 मार्च को थाने में रिपोर्ट कराई थी, इसकी आज तक पूरी जांच नहीं हुई कि आखिर वह चोरी कैसे हुई?। साफ तौर पर बोल दिया है कि निगम में कोई भी काम बिना लेन-देन के नहीं होता है। ऊपर से नीचे तक सभी का कमीशन का बंधा हुआ है। उसने 62 लोगों के नाम भी पुलिस को बताए हैं और कहा कि यह सभी भ्रष्ट है और इनकी सूचना मैंने अधिकारियों को दी थी।