Indore लोकायुक्त टीम ने सोमवार को बड़ी सफलता हासिल की है। आजादनगर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक धर्मेंद्र राजपूत को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोप है कि उसने हत्या के मामले में आरोपी पक्ष की मदद के एवज में दो लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें से पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये स्वीकार करते ही वह पकड़ा गया।
लोकायुक्त महानिदेशक के निर्देश पर हुई कार्रवाई
भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश पर इंदौर लोकायुक्त इकाई ने यह ट्रैप कार्रवाई की। शिकायत मिलने के बाद टीम ने पूरी योजना बनाकर आरोपी को पकड़ने की कार्यवाही अंजाम दी।
शिकायतकर्ता और मामला
शिकायतकर्ता संतोष कुमार तोमर, उम्र 35 वर्ष, एक्स कैप्टन सिक्योरिटी सर्विस में प्रबंधक हैं और इंदौर के केदार नगर, स्कीम नंबर 51 में रहते हैं। उनके पिता रामचंद्र सिंह तोमर इस सिक्योरिटी कंपनी के संचालक हैं। आजाद नगर थाने में दर्ज हत्या के मामले (प्रकरण क्रमांक 504/2025) में उन्हें और उनके पिता को झूठा फंसाने की धमकी दी गई थी। धर्मेंद्र राजपूत ने धमकाते हुए प्रकरण में नरमी बरतने और मदद करने के एवज में 1.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
संतोष तोमर ने इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय (लोकायुक्त, इंदौर) से की। सत्यापन के बाद 15 सितंबर 2025 को ट्रैप दल का गठन किया गया। इसके बाद आरोपी धर्मेंद्र राजपूत को शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
आरोपी और आगे की कार्रवाई
आरोपी उप निरीक्षक धर्मेंद्र राजपूत, उम्र 46 वर्ष, मूल रूप से शाजापुर जिले के शुजालपुर के निवासी हैं और वर्तमान में इंदौर के निहालपुर मुंडी स्थित न्यूयॉर्क सिटी में रहते हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्यवाही की जा रही है।
ट्रैप दल की भूमिका
इस कार्रवाई में कार्यवाहक निरीक्षक सचिन पटेरिया के नेतृत्व में सउनि मो. रहीम खान, आरक्षक विजय कुमार, शैलेन्द्र सिंह बघेल, कमलेश परिहार, मनीष माथुर, चेतन सिंह परिहार, श्रीकृष्ण अहिरवार और चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल रहे।