इंदौर नगर निगम की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने नगर कार्यालय में पार्षदों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब महापौर परिषद (एमआईसी) में स्थान केवल उन्हीं पार्षदों को मिलेगा, जो अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और जनता के बीच सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। यह निर्देश ऐसे समय में आया है, जब पूर्व एमआईसी सदस्य जीतू यादव को एक विवाद के चलते हटाया गया और पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया है।
खाली पड़ी सीट को लेकर बढ़ी पार्षदों में हलचल
जीतू यादव के निष्कासन के बाद से एमआईसी का एक पद खाली है, जिसे अब जल्द ही भरा जाना है। यह सीट विधानसभा क्रमांक 2 से संबंधित है, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि उसी क्षेत्र के किसी पार्षद को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। साथ ही, आरक्षण कोटे के आधार पर चयन प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। इस स्थिति में पार्षदों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और हर कोई अपने कार्यों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने की कोशिश में जुट गया है।
पार्षदों को 5 अगस्त तक दिखाना होगा रिपोर्ट कार्ड
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 5 अगस्त को एक विशेष आयोजन प्रस्तावित है। इस आयोजन को लेकर सभी पार्षदों को अपने-अपने वार्ड में जनता के सामने तीन वर्षों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। महापौर ने कहा कि यह जरूरी है कि पार्षद जनता को बताएं कि उन्होंने अब तक क्या कार्य किए हैं और आगे की योजनाएं क्या हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।
‘डिजिटल इंदौर’ अभियान को मिली नई ऊर्जा
बैठक के दौरान नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे ‘डिजिटल इंदौर’ अभियान को भी विशेष रूप से प्रोत्साहित करने की बात कही गई। सभी पार्षदों से आग्रह किया गया कि वे इस अभियान को अपने क्षेत्र में प्रचारित करें और नागरिकों को डिजिटल सुविधाओं के लाभों से अवगत कराएं। यह अभियान स्वच्छता, पारदर्शिता और सुविधा के क्षेत्र में इंदौर को एक नई दिशा देने का प्रयास है।
बीजेपी द्वारा आयोजित यह बैठक केवल संगठनात्मक नहीं, बल्कि एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश भी है। पार्षदों को यह बता दिया गया है कि आगे का रास्ता सिर्फ काम और जनता से जुड़ाव के माध्यम से ही तय होगा। पार्टी नेतृत्व यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जनता के बीच पार्टी की सकारात्मक छवि बनी रहे और पार्षदों की जवाबदेही भी तय हो।