akshay bam और उनके पिता के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

स्वतंत्र समय, इंदौर

12 दिन पहले कांग्रेस से बीजेपी में आए अक्षय कांति बम ( akshay bam ) और पिता कांति बम के खिलाफ 17 साल पुराने जमीन विवाद मामले में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। उन्हें इस केस में आज कोर्ट में पेश होना था लेकिन दोनों गैरहाजिर रहे। अक्षय ने वकील के जरिए पारिवारिक कार्यक्रम होने और पिता ने बीमारी में बेड रेस्ट का हवाला देकर पेशी से हाजिर माफी मांगी थी। कोर्ट ने आवेदन को खारिज कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 8 जुलाई तक दोनों को गिरफ्तार करके पेश करने के निर्देश दिए हैं। इधर, आज की पेशी से गैरहाजिर रहे अक्षय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ कार्यक्रमों में दिखाई दिए।

akshay bam और उनके पिता पर धारा 307 बढ़ाई गई थी

फरियादी के वकील मुकेश देवल ने बताया कि 2007 में दर्ज हुए बलवा, मारपीट के केस में पिछले महीने कोर्ट के आदेश पर धारा 307 बढ़ाई गई थी। 10 मई को इसकी सुनवाई हुई। शुरुआत में ही फरियादी पक्ष के युनूस पटेल की ओर से आवेदन पेश किया गया। इसमें कहा कि मामले में अक्षय और उनके पिता पर गंभीर धारा जुड़ गई है, इसलिए इनकी जमानत रद्द कर दी जाए। दूसरी ओर से आरोपी अक्षय ( akshay bam ) के वकील ने आवेदन पेश किए कि अक्षय आज पारिवारिक, सोशल कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। पेशी से हाजिरी माफी देने का अनुरोध किया। उनके पिता कांति ने बीमारी के कारण बेड रेस्ट के कारण हाजिर माफी का आवेदन दिया था। वकील देवल ने बताया कि कोर्ट ने तर्कों को सुनने के बाद दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। बता दें कि खजराना के युनूस पटेल से अक्षय और कांति का जमीन विवाद था।

ये है मामला

4 अक्टूबर 2007 को सुबह 10:30 बजे से शाम 4:15 बजे के बीच आरोपियों ने फरियादी यूनुस पटेल के गांव में जाकर उसकी जमीन पर काम कर रहे नौकरों को धमकाया और उनके साथ मारपीट करते हुए वहां कटी हुई रखी सोयाबीन में आग लगा दी थी। फरियादी जब अपने नौकर का मेडिकल परीक्षण करवाकर वापस खेत पर लौटा तो आरोपी कांतिलाल बम, उनके बेटे अक्षय, सतवीर, सुरक्षा गार्ड मनोज, सोनू एवं अन्य 7-8 लोग बंदूक लेकर आए। कांतिलाल ने कहा था कि यही यूनुस गुड्डू है। इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो। सतवीर ने गोली चलाई, लेकिन तभी रिंकू ने यूनुस का हाथ पकड़ कर उसे पीछे से खींच लिया था और गोली यूनुस के पास से निकल गई थी। बता दें कि इंदौर के पूर्व आईजी व उनके पुत्र की सिक्योरिटी एजेंसी को कांतिलाल बम व अक्षय बम ने यूनुस पटेल की जमीन खाली कराने का ठेका दिया था। सतवीर की रिपोर्ट पर यूनुस के खिलाफ पुलिस ने झूठा लूट का प्रकरण दर्ज करा दिया था।