नेकां-कांग्रेस गठबंधन में दरार, भाजपा ने तेज की सीटों पर नजर

नेकां-कांग्रेस : प्रदेश में उपचुनाव से पहले सियासी हालात तेजी से बदल रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस नेकां और कांग्रेस के बीच चल रही साझेदारी अब टूटने की कगार पर है। नगरोटा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों दल आमने-सामने हैं। न तो नेकां पीछे हटने को तैयार है और न कांग्रेस यह सीट छोड़ना चाहती है। आम आदमी पार्टी के एकमात्र विधायक ने सरकार से समर्थन वापस लिया है, जिससे कांग्रेस अब आक्रामक रुख में है। कांग्रेस के नेता पूर्ण राज्य के मुद्दे पर सरकार से टकराव की स्थिति में हैं। अगर नेकां नगरोटा सीट से उम्मीदवार उतारती है, तो कांग्रेस समर्थन वापसी पर विचार कर सकती है। इससे उमर अब्दुल्ला सरकार संकट में आ सकती है। इस राजनीतिक खींचतान का सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है, जो उपचुनाव में उमर के गढ़ में चुनौती देने की तैयारी में है।

चुनाव की अगली प्रक्रिया क्या होगी?

नगरोटा और बडगाम सीटों पर छह महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। जनप्रतिनिधि कानून 1951 के अनुसार, अगर सीट एक साल से कम समय के लिए खाली है या हालात ठीक नहीं हैं, तो चुनाव टाला जा सकता है। अमरनाथ यात्रा के बाद यहां उपचुनाव कराए जा सकते हैं।कांग्रेस प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि पार्टी नगरोटा सीट से चुनाव लड़ेगी। तारीख तय होते ही चुनाव की तैयारियां और गतिविधियां तेज कर दी जाएंगी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सत शर्मा ने कहा कि पार्टी नगरोटा और बडगाम दोनों सीटों से उपचुनाव लड़ेगी। नगरोटा भाजपा की पुरानी सीट है और यहां फिर जीत की उम्मीद है। नेकां के प्रांतीय अध्यक्ष रत्न लाल गुप्ता ने कहा कि पार्टी नगरोटा और बडगाम दोनों सीटों से चुनाव लड़ेगी और दोनों पर जीत की उम्मीद है

कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष का तीखा हमला जारी

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला ने हाल ही में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार के लोग तो राज्य को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह काम कब होगा, इसका कोई जवाब नहीं मिल रहा। कांग्रेस अब इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगी।