मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया भूचाल आ गया है। राज्य के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह एक विवादित बयान के कारण कानूनी शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने मामला इतना तूल पकड़ लिया। मानपुर थाने में देर रात उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसकों लेकर अब मंत्री शाह ने इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी है।
बयान पर मांग चुके है माफी
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में उन्होंने अपने बयान पर खेद जताते हुए माफी भी मांगी थी । लेकिन यह माफी कानूनी मुसीबतों से बचा पाएगी यह आज के फैसले से तय होगा।
हाईकोर्ट कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
मामला तब गंभीर हो गया जब एमपी हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर के आदेश जारी किए। आज इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होगी, जहां वह वीडियो क्लिप भी पेश की जाएगी जिसमें विजय शाह ने कथित विवादास्पद टिप्पणी की थी।
कांग्रेस ने की मंत्री को बर्खास्त करने की मांग
कांग्रेस ने इस मामले को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। पार्टी नेता मंत्री विजय शाह को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं, जिससे यह मामला अब जनता की अदालत में भी पहुंच चुका है।
मंत्री शाह पर लगी धाराओं की ऐसी है तस्वीर
मंत्री शाह पर बीएनएस की धारा 152 लगाई गई है यह धारा देश की एकता और संप्रभुता के खिलाफ भड़काऊ कार्य करने पर लगाई जाती है। जिसमें सजा के तौर पर उम्रकैद या 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही बीएनएस 1961 (1)(ख) लगाई गई है जिसके तहत धर्म, जाति, भाषा के नाम पर शत्रुता फैलाने के मामले में 5 साल की कैद का प्रावधान है। इसके साथ ही बीएनएस 197(1)(ग) लगाई गई है जिसके तहत राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले बयान, जिन पर 3 साल तक की सजा हो सकती है।