दशहरे पर रावण दहन की परंपरा तो पूरे देश में निभाई जाती है लेकिन दशहरें पर रावण दहन के बाद पान खाने की परंपरा कुछ इलाकों में ही प्रचलित है। यह पंरपरा मध्यप्रदेश के कुछ इलाको में अत्यधिक महत्व रखती है। इस दिन ऐसा करके लोग अधर्म पर हुई धर्म की जीत की खुशी व्यक्त करते हैं. माना जाता है कि रावण से युद्ध जीतने की खुशी को वानरों ने पान के पत्ते खाकर सेलिब्रेट किया था. उसी दिन विजयदशमी पर पान का सेवन करना शुभ माना जाने लगा। इसी के चलते पूरे इंदौरी तो इस दिन पान नहीं खाते है। लेकिन वह लोग जो बुंदेलखंड और आसपास के इलाकों से संबंध रखते है वह पान खिला कर दशहरा मनाते है।
बुंदेलखंड में जोरशोर से मनाते है परंपरा
बुंदेलखंड में दशहरे के दिन अनोखी परंपरा देखने को मिलती है। हर राज्य और प्रांत में दशहरा अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार मनाया जाता है, लेकिन बुंदेलखंड में इस दिन एक-दूसरे को पान खिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। रावण दहन के साथ-साथ पान की दुकानों पर भीड़ लग जाती है और लोग खुशियों के इस दिन में एक-दूसरे को पान खिलाकर शुभकामनाएं देते हैं।
युद्ध की जीत का प्रतीक है पान
दशहरे के दिन खाया जाने वाला युद्ध जीतने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन राजा जनता को पान खिलाते थे। आज भी लोग दशहरे पर पान खाते हैं और एक-दूसरे को खिलाकर गले मिलते हैं। पान में कत्था, सुपारी, लौंग जैसी चीजें पाचन शक्ति बढ़ाती हैं, जो व्रत के बाद भारी भोजन खाने में मदद करती हैं।
पाचन तंत्र को करता है मजबुत
पान खाना यह सिर्फ बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक नहीं, बल्कि पूरे नवरात्र के उपवास और तपस्या का फल भी है। नौ दिन व्रत रखने के बाद जब विजयदशमी आती है तो लोग इसे पूरे जोश और उत्साह से मनाते हैं। पूजा-पाठ के बाद लोग नए कपड़े पहनते हैं, रिश्तेदारों से मिलते हैं और इस दिन को खास बनाने पान खाते हैं। यह परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। पान को सम्मान, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। माना जाता है कि पान खाने से रिश्तों में मिठास और ताजगी बनी रहती है, इसके अलावा पान में मौजूद कत्था, सुपारी, लौंग जैसी चीजें पाचन शक्ति को बढ़ाने का काम करती हैं जो व्रत के बाद भारी भोजन खाने में मदद करती हैं।
दुकानों पर आज रात उमड़ेगी भीड़
दशहरे की शाम होते ही शहर की तमाम पान की दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ना शुरू हो जाती है। इस भीड़ को संभालने के लिए दुकानदार अपना स्टाफ बढ़ा लेते हैं और सुबह से ही पान के पैकेट बनाकर फ्रिज में रख लेते है, जिससे पान ताजा रहे और लोगों को मांग के अनुसार उनको मिल सके