केरल में साइबर जालसाजों का कहर बढ़ता जा रहा है, जहां लोग हर दिन औसतन 85 लाख रुपये गंवा रहे हैं। यह आंकड़ा बताता है कि इस साल राज्य में करीब 300 करोड़ रुपये का साइबर फ्रॉड हो सकता है। 2022 से लेकर 2024 तक केरल में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, जिसमें 2023 अकेले ही 763 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान हुआ।
कितना बढ़ा है साइबर अपराध?
केरल में साइबर फ्रॉड के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2024 में अब तक 41,426 मामलों की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। इसके साथ ही, पिछले दो सालों में भारी वित्तीय नुकसान हुआ है, जिसमें 2022 में 48 करोड़ रुपये और 2023 में 210 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
साइबर फ्रॉड के नए तरीके: ट्रेडिंग से लेकर नौकरी घोटाले तक
पहले जहां नौकरी घोटाले, डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले और गेमिंग धोखाधड़ी जैसी घटनाएं आम थीं, अब साइबर जालसाजों के शिकार होने के नए तरीके सामने आ रहे हैं। खासकर ट्रेडिंग घोटाले इस समय प्रमुख रूप से बढ़े हैं।
देशभर में साइबर अपराध का हाल
संसद में हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार, देशभर में 38 लाख से अधिक साइबर अपराध की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों से सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, लक्षद्वीप जैसे छोटे राज्यों में साइबर अपराध की संख्या काफी कम है।
साइबर सुरक्षा पर सरकार का ध्यान
साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकार लगातार जागरूकता अभियान चला रही है और लोगों को चेतावनी दे रही है, लेकिन इसके बावजूद साइबर अपराधियों का जाल फैलता जा रहा है।