स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल के 4 युवकों दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी ( Cyber fraud ) के मामले में गिरफ्तार किया है। मामले में एक अन्य आरोपी को भी अरेस्ट किया गया है। उनके कब्जे से 41 सिम कार्ड, चार फोन और 18 बैंक पासबुक बरामद की हैं। आरोपियों ने दिल्ली के एक एडवोकेट को वाट्सएप कॉल कर बताया था कि उनके बेटे को रेप केस में हिरासत में लिया गया है। उन्होंने जेल नहीं भेजने के ऐवज में 70 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए।दिल्ली पुलिस के मुताबिक रोहिणी सेक्टर-4 निवासी दीपक कुमार ने 7 मार्च को अपनी शिकायत में बताया था कि उन्हें अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसका बेटा दुष्कर्म के मामले में पुलिस हिरासत में है। 70 हजार रुपए देने पर उसे छोड़ दिया जाएगा। दीपक ने बेटे से बात कराने को कहा तो ठगों ने उसकी किसी शख्स से रुंधी सी आवाज में बात भी कराई। इसके बाद उन्होंने 4 बार में 70 हजार रुपए यूपीआई से भेज दिए। बाद में उन्हें पता चला कि वह अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था। पीडि़त की शिकायत पर साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है।
बैंक खातों से Cyber fraud के आरोपियों तक पहुंची पुलिस
दिल्ली पुलिस ने बैंक खातों की जांच शुरू कर साइबर ठगी ( Cyber fraud ) के आरोपियों में से एक भोपाल से विश्वजीत गिरी को दबोचा। उसकी निशानदेही पर सुधीर पाल, रवि, कुजीलाल और माया सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों से पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए आरोपी गिरोह के सदस्यों को सिम कार्ड और बैंक खाते मुहैया कराते थे। फिलहाल अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
जैसा दीपक गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया
दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले एडवोकेट दीपक गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया- 7 मार्च 2024 को मुझे +92 3077237001 (पाकिस्तान) से वॉट्सऐप कॉल किया गया। कॉल करने वाले ने खुद का नाम विजय कुमार बताया। कहा- मैं दिल्ली के सदर थाने से बात कर रहा हूं। हमने अभिमन्यु और उसके तीन दोस्तों को हिरासत में लिया है। सभी के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज थी।बातचीत के दौरान अभिमन्यु को रिहा करने के लिए 70 हजार रुपए की मांग की गई। साथ ही संबंधित रकम फोन नंबर 8435प्तप्तप्त45प्त पर यूपीआई करने के लिए कहा गया। कॉल करने वाले को जब मैंने बेटे अभिमन्यु से बात कराने का कहा तो उन्होंने मिलती-जुलती आवाज फोन पर ही सुनवाई। इसके बाद मैंने उनके बताए गए फोन नंबर पर दो बार 20-20 हजार रुपए भेजे, और बेटे को छोडऩे के लिए कहा। लेकिन वे 30 हजार रुपए और मांगते रहे। आखिरकार उन्हें दो बार में 24 हजार और 6 हजार रुपए सेंड किए। जैसे ही उनके पास 70 हजार रुपए भेजे गए। वे ढाई लाख रुपए और मांगने लगे। तब मैंने कहा कि मेरे पर इतने रुपए नहीं है। लेकिन, वे अपनी मांग पर अड़े रहे। तभी मुझे लगा कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ। मैं पुलिस स्टेशन पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई।
चारों आरोपियों को मिली जमानत
साइबर जालसाजी के मामले में गिरफ्तार भोपाल के चारों आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने जमानत दे दी है। बताया जा रहा है कि ठगी के असल मास्टरमाइंड पाकिस्तान मैं बैठे हैं। दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच में साफ हुआ कि भोपाल के चारों के खाते फर्जीवाड़े के लिए इस्तेमाल किए गए हैं। इन खाते में ठगी की रकम को ट्रांसफर कराया जाता था। इसके लिए उन्हें कमीशन मिलता था।