सावधान Cyber ​​​​Thugs की आप पर नजर है, जागरूक रहें और खुद को बचाएं

अर्जुन राठौर

इंदौर में दो-तीन दिनों में एक सनसनीखेज वारदात हुई जिसमें एक महिला को तीन दिन तक साइबर ठगों ( Cyber ​​​​Thugs ) ने डिजिटल अरेस्ट करके उससे एक करोड़ 60 लाख रुपए ले लिए अब सवाल इस बात कहे कि आखिर अखबारों में लगातार इतने समाचार प्रकाशित होने के बावजूद लोग साइबर ठगी के शिकार क्यों हो रहे हैं ?

जिन्हें जानकारी नहीं वे Cyber ​​​​Thugs के आसान शिकार

क्या इसकी वजह यह है कि वे खबरों को पढऩे के बाद उन पर ध्यान नहीं देते या फिर उन खबरों को नेगलेक्ट कर देते हैं, साइबर ठगों ( Cyber ​​​​Thugs ) के लिए ऐसे लोग बहुत आसान शिकार बन जाते हैं जिन्हें साइबर ठगी के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं होती। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इंफोसिस में काम करने वाले इंजीनियर तक साइबर ठगी के शिकार हो गए, इसे क्या कहा जाए ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि लोगों को साइबर ठगी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए ।डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को सहज और सरल बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठगी जैसी गंभीर समस्याएँ भी सामने आई हैं। ऑनलाइन लेन-देन, सोशल मीडिया, और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म्स पर साइबर अपराधियों की सक्रियता बढ़ गई है। साइबर ठगी से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम साइबर ठगी को रोकने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा करेंगे।

मजबूत पासवर्ड का उपयोग

साइबर ठगी का एक बड़ा कारण कमजोर पासवर्ड होता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें, जिसमें अक्षर, संख्या, और विशेष चिह्नों का संयोजन हो।

  1. नियमित रूप से पासवर्ड बदलते रहें: हर ऑनलाइन खाते के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें।टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें, ताकि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति आपके खाते तक न पहुँच सके।
  2. फिशिंग से बचाव: फिशिंग साइबर ठगी का एक सामान्य तरीका है, जिसमें अपराधी नकली वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से आपकी निजी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।अनजान ईमेल, लिंक, या अटैचमेंट को बिना जांचे न खोलें।किसी भी संदिग्ध वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी दर्ज करने से बचें।हमेशा आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही जानकारी दर्ज करें।
  3. सार्वजनिक वाई-फाई से बचाव: सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क साइबर अपराधियों के लिए आसान निशाना होते हैं। संवेदनशील लेन-देन या महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते समय सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें। यदि सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करना आवश्यक हो, तो वीपीएन का उपयोग करें।
  4. एंटीवायरस और फायरवॉल का उपयोग: आपके डिवाइस को सुरक्षित रखने के लिए एंटीवायरस और फायरवॉल महत्वपूर्ण हैं।हमेशा अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एक भरोसेमंद एंटीवायरस प्रोग्राम स्थापित करें।समय-समय पर एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को अपडेट करें।फायरवॉल को हमेशा चालू रखें ताकि अनधिकृत एक्सेस से बचा जा सके।
  5. सोशल मीडिया पर सतर्कता: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइबर अपराधियों के लिए व्यक्तिगत जानकारी चुराने का एक बड़ा जरिया हो सकते हैं।
    अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें। केवल उन्हीं लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें जिन्हें आप जानते हैं।अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत करें ताकि आपकी जानकारी केवल विश्वसनीय लोगों तक ही सीमित रहे।
  6. ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता: ऑनलाइन शॉपिंग और बैंकिंग के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।केवल प्रमाणित और सुरक्षित वेबसाइटों से ही खरीदारी करें।
    क्रेडिट कार्ड, या डेबिट कार्ड का उपयोग करते समय सुरक्षा सुनिश्चित करें। किसी अनजान व्यक्ति को अपने बैंक खाते की जानकारी न दें।
  7. साइबर ठगी की रिपोर्ट करें: यदि आप किसी साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर सेल या संबंधित प्राधिकरण को रिपोर्ट करें। भारत में आप साइबर अपराधों की शिकायत के लिए रिपोर्ट कर सकते हैं। अपनी बैंक को तुरंत सूचित करें ताकि आपका खाता सुरक्षित किया जा सके।

निष्कर्ष

साइबर ठगी एक गंभीर समस्या है, लेकिन सतर्कता, जागरूकता, और सही सुरक्षा उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है। तकनीकी साधनों के साथ-साथ अपनी व्यक्तिगत सतर्कता भी महत्वपूर्ण है। याद रखें, आपकी जानकारी और धन की सुरक्षा आपके हाथों में है। सावधानी और सतर्कता से ही आप साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं।