Dale Steyn: मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चौथा टेस्ट मुकाबला अब क्रिकेट जगत में विवाद का कारण बन गया है। जब पांचवें दिन का अंतिम घंटा शुरू हुआ और मुकाबला साफ तौर पर ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, तब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने रवींद्र जडेजा को ड्रॉ के लिए हैंडशेक ऑफर किया। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों — खासकर जडेजा और वाशिंगटन सुंदर — ने यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया और बल्लेबाज़ी जारी रखी। इसके बाद दोनों ने अपने-अपने शानदार शतक पूरे किए।
Dale Steyn ने साधा निशाना
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए जडेजा और सुंदर की मंशा पर सवाल उठाए। स्टेन का मानना है कि जब भारत मुकाबले को हार से बचा चुका था और ड्रॉ ही एकमात्र संभावित परिणाम था, तब “जेंटलमैन स्पिरिट” यही मांग करती कि भारतीय खिलाड़ी स्टोक्स के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते।
स्टेन ने कहा, “जब आप सिर्फ ड्रॉ के लिए खेल रहे हों और मुकाबला सुरक्षित हो चुका हो, तब खेल भावना के तहत खेल खत्म करना सही होता। लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे मामलों में कोई न कोई असंतुष्ट जरूर रहेगा, लेकिन उन्हें लगता है कि भारत को प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए था।
Dale Steyn के बयान के बाद सोशल मीडिया पर दो फाड़
इस घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर क्रिकेट जगत को दो हिस्सों में बांट दिया है। जहां कई दिग्गज और प्रशंसक भारतीय खिलाड़ियों के निर्णय के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं कुछ इसे ‘फ्री माइलस्टोन’ (मुफ़्त की उपलब्धि) हासिल करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर तबरेज़ शम्सी ने भारत का पक्ष लेते हुए लिखा, “इतना हंगामा क्यों? इंग्लैंड ने प्रस्ताव दिया, भारत ने उसे ठुकरा दिया — जो कि उनका अधिकार था। दोनों खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत कर के अपने शतक पूरे किए। अब खेल खत्म।”
शम्सी के इस बयान के जवाब में स्टेन ने कहा कि यह मुद्दा कई परतों वाला है और इसमें कोई न कोई नाखुश ज़रूर रहेगा, लेकिन नैतिक तौर पर खेल को वहीं समाप्त कर देना बेहतर होता।
गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय टीम ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने पूरी तरह से खेल के नियमों और अधिकारों के तहत निर्णय लिया। खेल के अंतिम घंटे तक बल्लेबाज़ी करना और शतक पूरा करना किसी भी खिलाड़ी के लिए गर्व का विषय होता है, खासकर जब पूरी सीरीज़ में लगातार कड़ी मेहनत की गई हो।