DANKA – Startup-Brand Story: Central India’s First पहली ब्रांडेड पानीपुरी ‘डंका । 33 outlets

DANKA ने 2 साल में खोलेंं मुंबई Mumbai, पुणे Pune, इंदौर Indore सहित अन्‍य शहरों में 33 से ज्‍यादा आउटलेट Outlet।

DANKA – अब तक आपने चाय से जुड़े स्‍टार्टअप्‍स Startups की ब्रांड स्‍टोरी Brand Story के बारे में पढ़ा होगा, आज हम आप को भारत के सबसे प्रसिद्ध स्‍ट्रीटफूड पानीपुरी से जुड़े एक ऐसे स्‍टार्टअप की ब्रांड स्‍टोरी Startup-Brand Story से रूबरू कराएंगे, जिसने न सिर्फ पानीपुरी जैसे स्‍ट्रीटफूड को ‘डंका DANKA’ नाम से ब्रांड के तौर पर स्‍थापित किया, बल्कि मुंबई Mumbai, पुणे Pune, इंदौर Indore जैसे शहरों में अपने 33 से ज्‍यादा आउटलेट भी खोल दिए। अब इनकी योजना देश भर के सभी प्रमुख शहरोंं में आउटलेट खोलने की है। संभवत: डंका DANKA Central India का पहला ब्रांडेड पानीपुरी स्‍टार्टअप होगा, जो चाय से जुड़े स्‍टार्टअप चाय-सुट्टा-बारChai Sutta Bar, एमबीए चायवाला MBA Chaiwala की तरह ही ब्रांडेड पानीपुरी, गोलगप्‍पे, पुचके के लिए चर्चित होगा।

पलक गुर्जर Indore: DANKA देश के सबसे प्रसिद्ध स्‍ट्रीटफूड Famous Street Food of India पानीपुरी/गोलगप्‍पे के प्रेमियों Panipuri Lovers के लिए हाइजीनिक पानीपुरी Hygienic Panipuri ढूंढ़ पाना सबसे मुश्किल काम होता था। इसी प्रोब्‍लम स्‍टेटमेंट Problem Statement को ध्‍यान में रखकर इंदौर के विजयनगर क्षेत्र के रहने वाले युवा व्‍यावसाई समीप चौरसिया ने अपने चाचा विनोद चौ‍रसिया के साथ डंका नाम से ब्रांडेड पानीपुरी के आउटलेट खोलने की शुरुआत की।

महज 23 साल के समीप ने डंका का अपना पहला आउटलेट महाराष्‍ट्र के पुणे में तिलक रोड पर चिंतामणी कार्नर के पास खोला। पहली बार कोई बिजनेस करने जा रहे बीकाॅम ग्रेजुएट समीप के लिए एक स्‍ट्रीट फूड को ब्रांड के रूप में स्‍थापित करना बड़ी चुनौती थी। समीप ने 2019 में अपना फूड स्‍टार्टअप Food Startup डंका शुरू किया, लेकिन कोविड के कारण 2019 में ही उन्‍हें अपने ड्रीम स्‍टार्टअप को बंद करना पड़ा ।

जब भारत में कोरोना का कहर खत्‍म हुआ, तो एक ब्रेक के बाद समीप अपने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए फिर मैदान में उतर गए और फिर 2020 में उन्‍होंने डंका की नई शुरुआत की। 2020 में शुरु हुई समीप की स्‍टार्टअप यात्रा Startup Journey लगातार नए पड़ाव पार करती गई। आज उनके मुंबई, पुणे, इंदौर, खंडवा, बड़वाह में 33 से ज्‍यादा आउटलेट हैं। नमकीन के लिए विश्‍व भर में प्रसिद्ध रतलाम में भी समीप का नया आउटलेट शुरू होने वाला है। समीप का लक्ष्‍य अगले 6 महीनों में 100 से ज्‍यादा नए आउटलेट खोलने का है।

ऐसे हुई डंका की शुरुआत –

समीप ने ‘डंका’ DANKA का डंका बजाने की शुरुआत अपने चाचा विनोद चौरसिया की प्रेरणा से की, दरअसल महाराष्‍ट्र के पुणे में समीप के चाचा पानीपूरी की दुकान चलाया करते थे। उनकी पानीपुरी का टेस्‍ट ग्राहकों को बेहद पसंद आता था। बस चाचा की पानीपुरी की रेसिपी के टेस्‍ट में हाइजीन का तड़का मारकर साधारण पानीपुरी की दुकान से ब्राडेंड आउटलेट बदलने का आइडिया समीर के दिमाग के आया और शुरू हो गई DANKA पानीपुरी।

स्‍वतंत्र समय से बात करते हुए समीप कहते हैं कि पानीपूरी एक ऐसा आइटम है, जो कि हर जगह और हर ऐज ग्रुप के लोगो को पसंद आता है, क्‍योंकि इसमें हर तरह का फ्लेवर होता है, जैसे खट्टा, मीठा, तीखा, आदि। समीप बताते हैं यह उनका फैमिली बिज़नेस इंस्पिरेशन है।

अपने स्‍टार्टअप का नाम डंका रखने के बारे में बताते हैं कि “डंका” DANKA नाम की उत्पत्ति का कोई बड़ा रहस्य नहीं है। यह एक कॉमन नाम है, जो कि उन्हें अचानक से मिल गया था। यह एक कैची और छोटा वर्ड होने के कारण उन्हें पसंद आ गया, तभी से उन्होंने यह वर्ड उनके पानीपूरी ब्रांड के लिए उपयोग किया और ट्रेडमार्क के लिए एप्‍लाई किया, जो एक्‍सेप्‍ट हो गया। यहीं से DANKA की शुरुआत हुई। समीप अपने शुरुआती इंवेस्‍टमेंट के बारे में बताते हुए कहते हैं कि लगभग 5 से 7 लाख रुपए उन्‍होंने अपने पहले आउटलेट को तैयार करने में खर्च किए। उसके बाद उन्‍होंने डंका की फ्रेंचाइजी आउटलेट्स की शुरुआत की।

भारत में डंका के outlets –

डंका पानीपुरी की प्रजेंस भारत के 3 बड़े शहरों मुंबई, पुणे और इंदौर है। कुछ दिन पहले खंडवा, बड़वाह में भी डंका के आउटलेट शुरू हुए हैं। अब जल्‍द ही एक नया आउटलेट रतलाम में भी शुरू होने जा रहा है। फिलहाल इनके लगभग 33 आउटलेट्स हैं। जिसमें इंदौर में 9, मुंबई में 3 और पुणे में 15 खंडवा, बड़वाह में भी आउटलेट हैं। अगले 6 महीने में आउटलेट्स की संख्‍या को 100 तक ले जाने की योजना है। समीप बताते हैं कि पुणे, इंदौर में डंका के खुद के कई आउटलेट्स हैं, हालांकि फ्रेंचाईजी आउटलेटस की संख्‍या ज्‍यादा है।

डंका DANKA ब्रांड की पहचान हाइजीन Hygiene –

समीप बताते हैं कि उनका सबसे बड़ा उद्देश यही था की पानीपुरी को hygienic पानीपुरी कैसे बनाया जाए। बाजार में जो पानीपुरी मिलती है, वहां साफ-सफाई न के बराबर होती है। पानीपुरी बेचने वाले भैया अपने गंदे हाथो से पानीपुरी हम सभी को खिलाते है, बहुत सारी जगहों पर तो पानीपुरी के खोमचे-ठेले नालियों और गंदगी के पास ही खड़े रहते हैं। जिससे बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण की आशंका बनी रहती है। पानीपुरी प्रेमियों की इसी समस्‍या को खत्‍म करने के लिए हमने डंका पानीपुरी की शुरुआत की। DANKA अपने हर आउटलेट पर hygiene का खास ख्‍याल रखताा है। साथ ही Manufacturing process में भी hygiene का बहुत ध्यान रखा जाता है। अब हाइजीन ही डंका ब्रांड की पहचान बन गया है।


बिजनेस का नया कंसप्‍ट Customization –

अब हम हमारी सुखसुविधा और स्वाद को देखते हुए पानी पूरी खा सकते है, डंका का न्यू कांसेप्ट आपकी पानीपुरी को और भी स्वादिष्ट बना सकता है। डंका में कई प्रकार के Customization कर सकते है, आप आपके स्वाद के हिसाब से उसमे मसाले, पानी, सब्जिया, फ्लेवर, आदि डलवा सकते है जिससे आपकी पानीपुरी और चाट का स्वाद और भी बढ़ जाए। समीप बताते हैं कि हमारी स्पेशलिटी यह है की हम all-in-one पानीपुरी सर्व करते हैंं। जिसमें 3 से 4 प्रकार के मसाले रहते हैंं, जेसे रगड़ा, छोले-आलू, सेव-पूरी आदि होते हैं। इससे पानीपुरी का स्वाद और ज्यादा स्वादिष्ट हो जाता है। समीप बताते हैं कि पानीपुरी के अलावा हमारे एक प्रोडक्ट all-in-one चाट भी है। जिसमें अलग-अलग प्रकार के चाट शामिल होते हैं, एक तरह से कहा जाए, तो यह चाट के प्लेटर की तरह होता है।

बनाते हैं मल्‍टीग्रेन पानीपुरी

समीप बताते हैं कि DANKA की एक बड़ी खासियत यह भी है कि वह हेल्‍थ कॉनसियल लोगों को ध्‍यान में रखते हुए मल्‍टीग्रेन multigrain आटे से बनी हुई पानीपुरी बनाते हैं। इसमें 5 से 6 तरह के मोटे अनाजों का आटा शामिल होता है, जिसमें कई प्रकार के प्रोटीन, मिनरल्स भी शामिल होते हैं | इसके अलावा पानीपुरी में इस्‍तेमाल होने वाला नमकीन, बूंदी, चाट, टिक्की, पानीपुरी, कटोरी, रगडा भी डंका द्वारा खुद ही तैयार किया जाता है। पानीपुरी और चाट में उपयोग की जाने वाली सब्जियाें में भी hygiene का विशेष ध्‍यान रखा जाता है।

पानीपुरी का इतिहास -पाटलिपुत्र से है संबंध-

प्राचीन भारत के 16 महाजनपद में से एक था मगध साम्राज्य, जिसकी राजधानी थी पाटलीपुत्र। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि पानीपुरी सबसे पहले मगध काल में बनाई गई थी। ये उसी दौर में बनाया गया था, जब कतरनी चावल से चूड़ा, तिलवा, लिट्टी चोखा आदि बनाए जा रहे थे। जिस बुद्धिमान खानसामे ने पानीपुरी बनाई उसका नाम इतिहास के पन्नों में कहीं खो गया है।

क्या महाभारत से जुड़ा है पानीपुरी का इतिहास ?

महाभारत में पानीपुरी से संबंधित कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है लेकिन जो कथा प्रचलित हैं उसके अनुसार, द्रौपदी जब ससुराल पहुंची थीं, तब पांडव वन-वन भटक रहे थे और ससुराल पहुंचते ही पांच पतियों की पत्नी बन गईं। आमतौर पर बहु जब घर में आती है तो उनसे कुछ मीठा बनाने के लिए कहा जाता है लेकिन वनवास के समय पांडवों के पास संसाधन की कमी थी।

ऐसे में पांडवों की मां कुंती ने यह जानना चाहा कि द्रौपदी घर को संभाल पाएगी या नहीं। वह सभी चीजों का बैलेंस कर सकती है या नहीं, इसके लिए वह द्रौपदी की परीक्षा लेती हैं। कुंती ने द्रौपदी को बची हुई सब्जी और सिर्फ एक पुरी बनाने जितनी आटे की लोई दी। इसके साथ ही कुंती ने द्रौपदी को निर्देश दिया कि उसे कुछ ऐसा बनाना है, जिससे पांचों पांडव की भूख शांत हो। कहते हैं इस परीक्षा का ही उत्तर था-पानीपुरी। कुंती को पानीपुरी का स्वाद इतना अच्छा लगा कि उसने इस व्यंजन को अमरता का आशीर्वाद दे दिया ।

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