डीएवीवी के कॉलेजों का नहीं हुआ सिलेबस पूरा, 15 दिन आगे बढाई जाएंगी परिक्षाएं

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का सिलेबस पूर्ण नहीं हुआ है । कॉलेज के प्राचार्यों ने बताया कि अभी तक सिलेबस पूरा नहीं हुआ है और विद्यार्थियों के नामांकन की प्रक्रिया भी चल रही है। ऐसे में यदि नवंबर में परीक्षा आयोजित की जाती है, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव छात्रों के परिणामों पर पड़ सकता है। प्राचार्यों की इस मांग को ध्यान में रखते हुए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

पांच दिसंबर के बाद होगी परिक्षाएं
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के पहले सेमेस्टर परीक्षाओं में बदलाव करते हुए इन्हें 15 दिन आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। पहले ये परीक्षाएं 20 नवंबर से शुरू होने वाली थीं, लेकिन अब इन्हें पांच दिसंबर के बाद आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को प्राचार्यों की बैठक में लिया गया।

यदि तय समय पर हुई परिक्षा तो बिगड़ेगे परिणाम
इसमें प्राचार्यों ने बताया कि अभी तक सिलेबस पूरा नहीं हुआ है और विद्यार्थियों के नामांकन की प्रक्रिया भी चल रही है। ऐसे में यदि नवंबर में परीक्षा आयोजित की जाती है, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव छात्रों के परिणामों पर पड़ सकता है। प्राचार्यों की इस मांग को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

कालेजों के प्राचार्य और प्रतिनिधि ने बताई स्थिति
बैठक की अध्यक्षता कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने की। इसमें रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी, असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॉ. विष्णु मिश्रा, डीसीडीसी डॉ. सचिन शर्मा सहित विभिन्न कालेजों के प्राचार्य और प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्राचार्यों ने पीजी की परीक्षा से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की। इसके बाद विश्वविद्यालय ने नई परीक्षा तिथि और टाइम टेबल जल्द जारी करने का आश्वासन दिया। वहीं, पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षाएं निर्धारित समय पर यानी एक नवंबर से ही कराई जाएंगी।

फैकल्टी को समय पर भुगतान न मिलने से प्रभावित काम
बैठक में प्रैक्टिकल परीक्षाओं के भुगतान से जुड़ा मुद्दा भी उठाया गया। प्राचार्यों ने बताया कि कालेजों में प्रैक्टिकल समय पर कराए जाते हैं, लेकिन फैकल्टी को महीनों तक भुगतान नहीं मिल पाता, जिससे शिक्षकों की रुचि कम हो जाती है। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बकाया भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया और कहा कि कॉलेजों में विशेष शिविर लगाकर यह समस्या हल की जाएगी।

डिजिटल होगा मुल्यांकन
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। विश्वविद्यालय जल्द ही डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली लागू करने के लिए टेंडर जारी करेगा, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हो सकेगी।

हर तीन माह में होगी बैठक
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के बीच बेहतर समन्वय के लिए हर तीन माह में प्राचार्यों की बैठक आयोजित की जाएगी। कुलगुरु डॉ. सिंघई ने कहा कि परीक्षा और मूल्यांकन की प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाना विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है, ताकि विद्यार्थियों को समय पर परिणाम मिल सकें और उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।