डीएवीवी ने पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक पहल की है। दरअसल विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध कॉलेजों को मान्यता देने में एक नया मानदंड जोड़ने का निर्णय लिया है। जानकारी के मुताबिक अब कॉलेज परिसर का 30% इलाका हरियाली से कवर होना ज़रूरी है।
वहीं इस शर्त का पालन ना करने पर मान्यता या तो प्रतिबन्ध कर दी जाएगी या फिर रोक दी जाएगी। इस नए नियम को 2024-25 के शैक्षणिक सत्र से लागू करने का प्लान है।
दरअसल पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने अपने संबद्धता मापदंडों में आवश्यक बदलाव किया है। नए नियम में, कॉलेजों को अपने परिसर का 30% भाग पेड़ों और हरियाली के लिए रखना होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ़ किया है कि पहले साल में नियमों के पालन में थोड़ी नरमी बरती जाएगी, लेकिन दूसरे साल से इस पर सख्त नजर रखी जाएगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन का दृष्टिकोण
वहीं डीएवीवी के डीसीडीसी डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा कि यह मापदंड पहली बार जोड़ा जा रहा है। विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है और यह कदम उसी दिशा में एक आवश्यक कोशिश है।
रजिस्ट्रार डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि नालंदा कैंपस में एक बड़े इलाके में हरियाली की गई है और अब यूटीडी कैंपस में भी 30% इलाके को हरियाली से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हमारे सभी कैंपस हरियाली से भरे हों और हम इस दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।”