स्वतंत्र समय, इंदौर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) ने सैन्य कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की सराहना की है। रक्षा मंत्री रविवार को डॉक्टर अम्बेडकर नगर महू में भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों – आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूसी), इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (एमसीटीई) के दौरे पर थे, उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
Rajnath Singh ने आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का किया दौरा
राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) को कार्यवाहक कमांडेंट द्वारा उन्नत ऊष्मायन और अनुसंधान केंद्र की स्थापना और प्रौद्योगिकियों के अवशोषण और परिवर्तन को सक्षम करने की दिशा में विभिन्न समझौता ज्ञापनों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों के प्रति उनके योगदान को देखने के लिए आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री संग्रहालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें इन्फैंट्री के इतिहास के साथ-साथ इन्फैंट्री में आधुनिक उपकरणों को शामिल करने के बारे में जानकारी दी गई। रक्षा मंत्री ने एडब्ल्यूसी में तीनों संस्थानों के सभी रैंकों के साथ बातचीत भी की। सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सेना के जवानों के साहस और सतर्कता की सराहना की। उन्होंने कहा, आपकी लगन और कर्तव्य के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है। आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं।
सैनिक, हमारी सीमाओं के रक्षक और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर सतर्क नजर रखने और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय होते हैं जब भारत को सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सैनिकों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वे विरोधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और उनके खिलाफ समय पर और प्रभावी कदम उठाएं। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, ‘आप हमारी सीमाओं के रक्षक हैं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं। मुझे विश्वास है कि आप साहस और समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे।’ इससे पहले, राजनाथ सिंह ने महू में डॉ. बीआर अंबेडकर को समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और उनके जन्मस्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।
रक्षा मंत्री ने अंबेडकर की जन्मस्थली जाकर अर्पित किए श्रद्धा सुमन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को अपने प्रवास के दौरान डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जन्मस्थली महू पहुँच कर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की डॉक्टर अम्बेडकर नगर महू स्थित जन्म स्थली के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। संविधान की रचना में योगदान के साथ-साथ स्वाधीन भारत की संस्थाओं के निर्माण में बाबा साहेब की भूमिका अतुलनीय रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को ‘पंच तीर्थ’ के रूप में विकसित करने का महती काम किया है। बाबा साहेब का योगदान भारत की आने वाली पीढिय़ाँ याद रखेंगी।