रक्षा मंत्रालय ने 400 ड्रोन्स की खरीद को किया रद्द, चीन से लाए पुर्जों का हुआ था इस्तेमाल

Defence Ministry Cancels Drone Contracts : राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए, रक्षा मंत्रालय ने 230 करोड़ रुपए के 400 ड्रोनों की खरीद सौदे को रद्द कर दिया है। ये ड्रोन तीन अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट्स के तहत खरीदे जाने थे, लेकिन इनमें चीनी पुर्जों के इस्तेमाल से साइबर सुरक्षा और सैन्य अभियानों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था। यही वजह है कि सरकार ने इस सौदे को तत्काल प्रभाव से रोकने का फैसला लिया।

चीनी पुर्जों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा!

सूत्रों के मुताबिक, इन ड्रोनों में चीन-निर्मित इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार मॉड्यूल्स का उपयोग किया गया था, जिससे संवेदनशील डेटा लीक होने, सिस्टम फेल होने और यहां तक कि ऑपरेशन के दौरान ड्रोन पर दुश्मनों के नियंत्रण की आशंका थी। विशेषज्ञों ने पहले ही इस खतरे को लेकर चेतावनी दी थी कि चीनी उपकरणों में छिपे बैकडोर तकनीक के जरिए दुश्मन देशों को खुफिया जानकारी हासिल करने का मौका मिल सकता है।

DGMI ने पहले ही दी थी चेतावनी

सैन्य खुफिया महानिदेशक (DGMI) ने पहले ही संवेदनशील सैन्य उपकरणों में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल पर सख्त रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। निर्देशों के मुताबिक, मेड इन इंडिया ड्रोन में भी अगर चीनी हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर मिलता है, तो उसे अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, गैर-महत्वपूर्ण उपकरणों के लिए भी कड़े साइबर सुरक्षा परीक्षण लागू किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह के खतरों से बचा जा सके।

भारतीय सेना ने उठाया बड़ा कदम

भारतीय सेना अब ड्रोनों में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने और एक मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार के इस फैसले से यह साफ है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और दुश्मन देशों की किसी भी चाल को नाकाम करने के लिए भारत पूरी तरह सतर्क है!