दिल्ली में हवा फिर ‘गंभीर’, आनंद विहार-बवाना समेत कई इलाकों में AQI 400 के पार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। शनिवार सुबह शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के स्तर को पार कर गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, धीमी हवा की गति और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण वायुमंडल में जमा हो गए हैं, जिससे हालात बिगड़ गए हैं।

दिल्ली का समग्र AQI भी ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब बना हुआ है। हवा की गुणवत्ता में इस गिरावट ने दिल्लीवासियों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर उन लोगों की जो सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

इन इलाकों में हवा सबसे जहरीली

CPCB द्वारा जारी सुबह 9 बजे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई निगरानी केंद्रों पर हवा की गुणवत्ता बेहद चिंताजनक रही। सबसे खराब स्थिति वाले कुछ इलाके इस प्रकार हैं:

  • बवाना: AQI 432
  • आनंद विहार: AQI 421
  • रोहिणी: AQI 418
  • मुंडका: AQI 415
  • पंजाबी बाग: AQI 410

इन इलाकों के अलावा, वजीरपुर, नरेला और बवाना जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। इन जगहों पर हवा में PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा मानक से कई गुना अधिक दर्ज की गई।

क्यों बिगड़े दिल्ली के हालात?

विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में गिरावट के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। सबसे प्रमुख वजह मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां हैं। पिछले कुछ दिनों से हवा की गति बेहद कम (लगभग 4-6 किमी/घंटा) है, जिससे प्रदूषक कण एक ही स्थान पर जमा हो रहे हैं। इसके अलावा, सुबह के समय छाने वाला कोहरा और नमी भी इन कणों को अपने साथ बांधकर स्मॉग की एक मोटी परत बना रही है।

हालांकि इस साल पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन जब भी हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर होती है, तो इसका धुआं दिल्ली-एनसीआर की हवा को और खराब कर देता है। स्थानीय स्रोत जैसे वाहनों का धुआं, निर्माण स्थलों की धूल और औद्योगिक उत्सर्जन भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।

GRAP-3 लागू, फिर भी स्थिति गंभीर

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू किया हुआ है। इसके तहत, पूरे एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण और तोड़-फोड़ के कार्यों पर सख्त प्रतिबंध है। साथ ही, दिल्ली में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चारपहिया वाहनों के चलने पर भी रोक है। हालांकि, इन पाबंदियों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी नियमों के जमीनी स्तर पर पालन को लेकर सवाल खड़े करती है।

स्वास्थ्य पर खतरा और विशेषज्ञों की सलाह

‘गंभीर’ श्रेणी की हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी और गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए और भी खतरनाक है।

विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग सुबह और शाम की सैर से बचें। अगर घर से बाहर निकलना जरूरी हो तो अच्छी गुणवत्ता वाले N95 मास्क का उपयोग करें। घरों के अंदर हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक राहत की उम्मीद कम है, इसलिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।