Delhi AQI: दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के स्तर पर पहुंच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। यह हवा को अत्यधिक जहरीला और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बनाता है।
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास
1.ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध:
•आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है।
2.निर्माण कार्यों पर रोक:
•सार्वजनिक परियोजनाओं सहित अधिकांश निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है।
3.पराली जलाने का प्रभाव:
•दिल्ली के प्रदूषण में आसपास के राज्यों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश) में पराली जलाने का भी योगदान बताया गया है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
•AQI का 500 का स्तर फेफड़ों और हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है।
•संवेदनशील समूहों (बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं) के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक है।
सुझाव
•बाहर निकलने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय।
•एन95 मास्क का उपयोग करें।
•एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
•घर के अंदर पौधों जैसे मनी प्लांट और एलोवेरा लगाएं, जो वायु को शुद्ध कर सकते हैं।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को प्रदूषण से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए स्थिति गंभीर हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 तक पहुंच गया है, जो “गंभीर” श्रेणी को दर्शाता है। पंजाबी बाग, पूसा, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, अलीपुर, आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, और नरेला जैसे क्षेत्रों में हालात चिंताजनक हैं।
प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) ने अपने छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की घोषणा की है। यह कदम स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने और शिक्षण कार्य में बाधा से बचने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके साथ ही, सरकार और नागरिकों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण उपाय अपनाने की आवश्यकता है, जैसे वाहनों का कम उपयोग, निर्माण कार्यों पर नियंत्रण, और मास्क पहनने जैसे सुरक्षा उपाय। प्रदूषण का यह स्तर खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए सरकार ने दफ्तरों के समय में बदलाव किया है। यह कदम ट्रैफिक की भीड़ और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नई समय-सारणी
•एमसीडी के दफ्तर: सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
•दिल्ली सरकार के दफ्तर: सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
दफ्तरों के समय में अंतर रखने का उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या को अलग-अलग समय पर फैलाना है, ताकि ट्रैफिक जाम कम हो और प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके।
सरकार ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सभी नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है, जिसमें सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, कार-पूलिंग, और गैर-जरूरी वाहनों के उपयोग को सीमित करने जैसे सुझाव शामिल हैं। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई इलाकों में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है, जिससे विजिबिलिटी घट गई है। इस कारण से कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं और यातायात में भी बाधा आ रही है।
CAQM द्वारा GRAP का चौथा फेज लागू
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर 2024 की सुबह 8 बजे से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं:
1.स्कूलों पर प्रभाव:
•कक्षा 9वीं तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस अनिवार्य।
•कक्षा 10वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य।
2.निर्माण कार्य पर रोक:
•सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ से संबंधित गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध।
3.डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध:
•डीजल से चलने वाले जेनरेटर का उपयोग बंद कर दिया गया है।
4.औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण:
•प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक गतिविधियों पर रोक।
सरकार और नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश
•अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
•कार-पूलिंग और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें।
•खुले में कचरा और पराली जलाने पर सख्त प्रतिबंध।
स्वास्थ्य पर असर और सुझाव
बढ़ते प्रदूषण का असर बच्चों, बुजुर्गों, और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों पर ज्यादा पड़ रहा है। सभी नागरिकों को मास्क पहनने, घर के अंदर रहने, और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
सरकार और प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं।