दिल्ली में अब घर बैठे होगी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री, सब-रजिस्ट्रार दफ्तर के चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति

दिल्ली में संपत्ति खरीदना और उसका पंजीकरण कराना अब बेहद आसान होने वाला है। दिल्ली सरकार जल्द ही प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल करने जा रही है। इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद लोगों को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब आप घर बैठे ही अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकेंगे।

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। नई व्यवस्था के तहत ‘एनीवेयर रजिस्ट्रेशन’ (Anywhere Registration) की सुविधा भी मिलेगी। इसका मतलब है कि दिल्ली में कहीं भी संपत्ति खरीदने पर आप किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से उसका पंजीकरण करवा सकेंगे। अभी तक लोगों को संबंधित क्षेत्र के ही कार्यालय में जाना पड़ता था।

पारदर्शिता बढ़ेगी, भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल आम जनता का समय बचेगा, बल्कि सिस्टम में पारदर्शिता भी आएगी। सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में अक्सर लंबी कतारें और बिचौलियों की दखलंदाजी की शिकायतें मिलती थीं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। दस्तावेजों की जांच से लेकर फीस जमा करने तक सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगा।

कैसे काम करेगा नया सिस्टम?

नई प्रणाली के तहत, आवेदक को विभाग के पोर्टल पर अपने दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके बाद सब-रजिस्ट्रार ऑनलाइन ही दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे। बायोमेट्रिक पहचान और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाहों और खरीददार-विक्रेता की उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी। हालांकि, अंतिम मंजूरी और डिजिटल हस्ताक्षर के लिए सुरक्षित गेटवे का उपयोग किया जाएगा।

नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (NGDRS)

दिल्ली सरकार इस पहल के लिए नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (NGDRS) को अपना रही है। यह केंद्र सरकार द्वारा विकसित एक सॉफ्टवेयर है, जिसे कई राज्यों में पहले ही सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से संपत्ति का मूल्यांकन, स्टाम्प ड्यूटी की गणना और भुगतान ऑनलाइन ही संभव होगा।

अधिकारियों के मुताबिक, इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर का परीक्षण अंतिम चरण में है। जल्द ही इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने कई सेवाओं को डोर स्टेप डिलीवरी के तहत शामिल किया था, और अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को डिजिटल करना उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

पुराने समय में संपत्ति पंजीकरण एक थकाऊ प्रक्रिया थी, जिसमें कई दिनों का समय लगता था। लोगों को अपॉइंटमेंट लेने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। नई डिजिटल क्रांति से रियल एस्टेट सेक्टर में भी तेजी आने की उम्मीद है, क्योंकि खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सुगम हो जाएगी।