दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर ज़हर घोल रही है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और इसी बीच रविवार को आम लोगों का गुस्सा इंडिया गेट पर फूट पड़ा। बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ उन्होंने जोरदार विरोध किया, लेकिन कुछ देर बाद पुलिस ने सभी को तितर-बितर कर दिया। इससे पहले 9 नवंबर को भी लोग इसी स्थान पर इकट्ठा होकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर चुके हैं।
दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ से ‘खतरनाक’ की ओर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट बताती है कि रविवार सुबह दिल्ली घने कोहरे और धुएं की परत में ढकी रही। सुबह 7 बजे का औसत AQI 381 दर्ज हुआ, जिसका मतलब है कि हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि GRAP-4 लागू होने के बावजूद हालात में कोई बड़ा सुधार नहीं दिखा।
लोगों का कहना है कि यह सिर्फ हवा की समस्या नहीं, बल्कि जीवन से जुड़ा खतरा है, इसलिए अब केवल घोषणाएं नहीं, मजबूत कार्रवाई की ज़रूरत है।
कुछ इलाकों में AQI 400 के पार
दिल्ली के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। CPCB के अनुसार:
- बवाना: AQI 435 (सबसे ज़्यादा, ‘गंभीर’ श्रेणी)
- आनंद विहार: AQI 429
- पंजाबी बाग: AQI 411
- पटपड़गंज: AQI 401
- चांदनी चौक: AQI 390
- आरके पुरम: AQI 397
- आईटीओ: AQI 384
- द्वारका सेक्टर-8: AQI 386
0–50 को ‘अच्छा’ और 401–500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। ऐसे में राजधानी के कई इलाके सीधे-सीधे स्वास्थ्य संकट में घिरे हुए हैं।
इंडिया गेट पर क्यों भड़का लोगों का गुस्सा?
प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, पर लोगों को लग रहा है कि असरदार कदम बेहद धीमी रफ्तार से उठाए जा रहे हैं। इसी शिकायत के साथ नागरिक रविवार को इंडिया गेट पहुंचे और उन्होंने हवा साफ करने के लिए ठोस नीतियाँ लागू करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था, “हम सांस लेने का अधिकार मांग रहे हैं, कोई सुविधा नहीं।” लेकिन थोड़ी देर बाद पुलिस ने प्रदर्शन हटवा दिया।
NCR में लागू होंगे नए सख्त नियम
बिगड़ते हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने NCR में GRAP के नियमों में संशोधन किया है। अब ‘गंभीर’ श्रेणी के उपाय (GRAP-4) को GRAP-3 के अंदर लाने का निर्देश दिया गया है, यानी अब सख्ती और बढ़ेगी।
CAQM के निर्देशों के बाद राज्य सरकारें इस पर फैसला लेंगी कि क्या सरकारी, निजी और निगम कार्यालयों में 50% स्टाफ को ही बुलाया जाए और बाकी 50% कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम दिया जाए। इसका उद्देश्य है, सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना, ताकि हवा में मिल रहे ज़हरीले कणों की मात्रा घट सके।
लोगों की पुकार ‘दिल्ली को बचाइए’
हर साल जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, वैसे-वैसे दिल्ली और NCR का प्रदूषण स्तर खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाता है। लेकिन इस बार हालात कुछ ज्यादा ही बिगड़ते दिख रहे हैं। इसीलिए लोग बार-बार आवाज उठा रहे हैं कि अब समय आ गया है कि सरकार, एजेंसियाँ और जनता मिलकर इस संकट से बाहर निकलने की कोशिश करें।