बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नीतीश कुमार के नौवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की तैयारियों के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में एक नई मांग ने सियासी हलचल तेज कर दी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई है, जिससे गठबंधन के भीतर सत्ता के बंटवारे को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं।
यह मांग ऐसे समय में आई है जब नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़कर एक बार फिर भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने जा रहे हैं। इस नए समीकरण में जहां भाजपा के कोटे से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है, वहीं लोजपा (रामविलास) की इस दावेदारी ने एक नया अध्याय जोड़ दिया है।
सोशल मीडिया पर उठी मांग
लोजपा (रामविलास) के प्रवक्ता विनीत सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए यह मांग सार्वजनिक की। उन्होंने लिखा कि चिराग पासवान बिहार के युवाओं के बीच एक लोकप्रिय नेता हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी निष्ठा अटूट रही है।
उन्होंने आगे तर्क दिया, “आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को बिहार में बड़ी जीत दिलाने के लिए यह आवश्यक है कि चिराग पासवान जी को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए। उनके नेतृत्व से गठबंधन को मजबूती मिलेगी और युवाओं का समर्थन हासिल होगा।” इस पोस्ट के बाद से ही बिहार के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का मुख्य विषय बन गया है।
एनडीए के लिए नई चुनौती
चिराग पासवान को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग ने एनडीए के शीर्ष नेतृत्व के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है। गठबंधन में पहले से ही जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ भी मंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी पेश कर रही है। अब लोजपा की इस मांग से सीट बंटवारे और मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मांग एनडीए के भीतर चिराग पासवान के बढ़ते कद और उनकी मोलभाव की क्षमता को दर्शाती है। चिराग ने लगातार खुद को प्रधानमंत्री मोदी का ‘हनुमान’ बताया है और एनडीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। अब उनकी पार्टी इस प्रतिबद्धता के बदले एक महत्वपूर्ण पद चाहती है।
शपथ ग्रहण से पहले बढ़ी सरगर्मी
नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम को होने की संभावना है। इससे पहले, उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिया जाना है। भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के उपमुख्यमंत्री बनने की खबरें थीं, लेकिन अब चिराग पासवान की दावेदारी ने इस पर एक प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि एनडीए का नेतृत्व इस नई मांग पर क्या रुख अपनाता है और बिहार की नई सरकार का स्वरूप कैसा होता है।