सीताराम ठाकुर, भोपाल
प्रदेश में 80 हजार किलोमीटर सडक़ों का संधारण और मेंटेनेंस संभालने वाले पीडब्ल्यूडी ( PWD ) विभाग अगले महीने से रेगुलर प्रमुख अभियंता और चीफ इंजीनियर विहीन हो जाएगा। जबकि विभाग का बजट करीब 10 हजार करोड़ रुपए सालाना होने के बाद भी पूरा महकमा प्रभार के भरोसे काम करेगा। फील्ड में ना तो रेगुलर कार्यपालन यंत्री हैं और ना ही सहायक यंत्री, अधीक्षण यंत्री का काम भी प्रभारी संभाल रहे हैं। ये स्थिति 8 साल से प्रमोशन नहीं मिलने की वजह से बनी है।
PWD विभाग रेगुलर इंजीनियर विहीन होने जा रहा है
मप्र की 80 हजार 775 किलोमीटर सडक़ों का संधारण, नवीन सडक़ों का निर्माण, मेंटेनेंस, पुल-पुलियों का निर्माण कराने वाले पीडब्ल्यूडी ( PWD ) विभाग रेगुलर इंजीनियर विहीन होने जा रहा है। खासकर विभाग में ईएनसी के पांच पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में एक ही ईएनसी आरके मेहरा पदस्थ हैं, जो 31 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे। वैसे वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने विभाग के लिए 7 हजार 580 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसके अलावा एडीबी, एनडीबी तथा केंद्रीय सडक़ निधि से 3 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि सडक़ों और पुल-पुलियों के निर्माण के लिए मिलने जा रही है। लेकिन फील्ड से लेकर मुख्यालय तक इंजीनियरों का टोटा हो गया है। ईएनसी के पांच पद स्वीकृत हैं। इनमें एक पद विभाग के मुखिया का, सचिव लोक निर्माण, योजना आयोग में सलाहकार, एक पद एमपी आरडीसी तथा एक पद डायरेक्टर पीआईयू का स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में एक ही ईएनसी कार्यरत है।
अनुभवी अधिकारियों का टोटा
पीडब्ल्यूडी में चीफ इंजीनियर के 21 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में सभी पदों पर अधीक्षण यंत्री प्रभारी चीफ इंजीनियर बने हुए हैं। इनमें ईएनसी दफ्तर में एपी राणे, बीपी बौरासी, रारा परिक्षेत्र में केपीएस राणा, राजधानी परिक्षेत्र भोपाल में संजय मस्के, उज्जैन परिक्षेत्र में योगेंद्र सिंह बागोले, इंदौर परिक्षेत्र में छक्कन सिंह खरत, ग्वालियर परिक्षेत्र में पीसी वर्मा, सागर परिक्षेत्र में रामलाल वर्मा, जबलपुर परिक्षेत्र में एससी वर्मा, रीवा परिक्षेत्र में संजय खांडे, ग्वालियर पीआईयू में सूपतिलाल सूर्यवंशी, जबलपुर भवन में आरके अहिरवार, सेतू निर्माण में जीपी वर्मा, ग्वालियर पीआईयू में व्हीके आरख, रीवा भवन शाखा में जिलेसिंह बघेल, डायरेक्टर पीआईयू शालिगराम बघेल, एमपीआरडीसी में प्रतिनियिुक्ति पर पदस्थ अधीक्षण यंत्रियों में आरएस भील, गोपाल सिंह, कार्यपालन यंत्री बीएस मीणा को प्रभारी चीफ इंजीनियर बना रखा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग में अधीक्षण यंत्री केशव सिंह यादव को प्रभारी चीफ इंजीनियर पदस्थ कर रखा है। इस तरह चीफ इंजीनियर के सभी पदों पर अधीक्षण यंत्री प्रभारी चीफ इंजीनियर बने हुए हैं। यही स्थिति अधीक्षण यंत्री के पदों की है। 56 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इक्का-दुक्का पदों को छोड़ सभी पदों पर कार्यपालन यंत्री प्रभारी अधीक्षण यंत्री बने हुए हैं।
8 साल से नहीं मिला प्रमोशन
पीडब्ल्यूडी ही नहीं, जल संसाधन, पीएचई, एनवीडीए, गृह निर्माण मंडल सहित निर्माण कार्य से जुडेÞ विभाग में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की वजह से प्रमोशन का लाभ अधिकारियों और कर्मचारियों को नहीं मिला है। कुछ विभागों में सरकार ने कार्यवाहक के रूप में प्रमोशन दिया है, लेकिन निर्माण से जुडेÞ विभाग प्रभारी और संविदा के भरोसे चल रहे हैं, जिससे अनुभवी अधिकारियों का टोटा हो गया है।